Mock Drill: देश के करीब 300 जिलों में संवेदनशील प्रतिष्ठानों में होगी मॉक ड्रिल

Mock Drill: परमाणु संयंत्रों, सैन्य ठिकानों, रिफाइनरी और जलविद्युत बांधों जैसे संवेदनशील प्रतिष्ठानों वाले करीब 300 ‘नागरिक सुरक्षा जिलों’ में हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन, ‘शत्रुतापूर्ण हमले’ के लिए नागरिक प्रशिक्षण और बंकरों और खंदकों की सफाई के साथ ‘मॉक ड्रिल’ का आयोजन किया जाएगा। केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय बैठक में लोगों की सक्रिय सहभागिता के साथ ‘मॉक’ अभ्यास करने पर विस्तार से चर्चा की गई। पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच उभरे ‘‘नए और जटिल खतरों’’ को देखते हुए गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों से मॉक ड्रिल करने को कहा है।

सभी राज्यों में अधिकारी मॉक ड्रिल के दौरान शिक्षण संस्थानों के छात्रों, सरकारी और निजी संस्थानों के कर्मचारियों, अस्पताल कर्मचारियों, रेलवे और मेट्रो अधिकारियों के अलावा पुलिस, अर्द्धसैनिक और रक्षा बलों के वर्दीधारी कर्मियों को भी शामिल करेंगे। सूत्रों ने कहा कि नागरिक सुरक्षा जिले और सामान्य प्रशासनिक जिले अलग होते हैं। किसी भौगोलिक क्षेत्र में छावनी, रिफाइनरी या परमाणु संयंत्र होने पर उसे आवश्यकता और तात्कालिकता के आधार पर ‘नागरिक सुरक्षा जिले’ के रूप में चिह्नित किया जा सकता है।

उन्होंने कहा, “ऐसे जिलों को संबंधित राज्य प्राधिकारियों द्वारा नामित किया जाता है, और हमारा मानना है कि देश भर में लगभग 300 ऐसे नागरिक सुरक्षा जिलों में मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाएगा।’ उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार ने मॉक ड्रिल के लिए राज्य में 19 जिलों की पहचान की है, लेकिन राज्य सरकार ने इसे राज्य के सभी जिलों में करने का निर्णय लिया है।

“हमें सात मई को आयोजित होने वाले नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल के लिए भारत सरकार से निर्देश प्राप्त हुए हैं। 19 जिलों की पहचान की गई है, जिनमें एक जिला ‘ए’ श्रेणी में है, दो ‘सी’ श्रेणी में हैं, और शेष जिले ‘डी’ श्रेणी में हैं।” प्रशांत कुमार ने कहा कि “हालांकि, संवेदनशीलता को देखते हुए राज्य सरकार ने निर्देश दिया है कि सभी जिलों में मॉक ड्रिल की जाएगी और पुलिस, प्रशासन, अग्निशमन, आपदा मोचन बल आदि सब इसमें भाग लेंगे।”

गृह मंत्रालय के अनुसार मॉक ड्रिल के दौरान किए जाने वाले उपायों में हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन का संचालन, लोगों को शत्रु के हमले की स्थिति में खुद को बचाने के लिए सुरक्षा पहलुओं पर प्रशिक्षण देना और बंकरों और खंदकों की सफाई करना शामिल है। दूसरे कदमों में दुर्घटना की स्थिति में ‘ब्लैकआउट’ के उपाय, महत्वपूर्ण संयंत्रों और प्रतिष्ठानों की रक्षा तथा निकासी योजनाओं को अद्यतन करना और उनका पूर्वाभ्यास करना शामिल है।

‘मॉक ड्रिल’ में वायुसेना के साथ हॉटलाइन और रेडियो-संचार लिंक का संचालन, नियंत्रण कक्षों और छाया नियंत्रण कक्षों की कार्यक्षमता का परीक्षण भी शामिल है। अग्निशमन सेवा, नागरिक सुरक्षा और होम गार्ड महानिदेशालय की ओर से जारी पत्र में कहा गया है, “मौजूदा भू-राजनीतिक परिदृश्य में नये और जटिल खतरे/चुनौतियां उभरी हैं, इसलिए यह समझदारी होगी कि राज्यों के साथ ही केंद्र-शासित प्रदेशों में हर समय इष्टतम नागरिक सुरक्षा तैयारियां रखी जाएं।”

इस अभ्यास का आयोजन गांव स्तर तक योजनाबद्ध तरीके से किया जाएगा और इसका उद्देश्य सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में नागरिक सुरक्षा तंत्र की तैयारी का आकलन करना और उसे मजबूत करना है। पत्र में कहा गया है कि इस अभ्यास में जिला नियंत्रकों, विभिन्न जिला प्राधिकारियों, नागरिक सुरक्षा वार्डन, स्वयंसेवकों, होमगार्ड, राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी), राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस), नेहरू युवा केंद्र संगठन (एनवाईकेएस), कॉलेज और स्कूल के छात्रों की सक्रिय भागीदारी की परिकल्पना की गई है।

उसने कहा, “उक्त नागरिक सुरक्षा अभ्यास का उद्देश्य विभिन्न नागरिक सुरक्षा उपायों के परिचालन के प्रभाव और समन्वय का आकलन करना है। पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के जवाब में भारत द्वारा अपने विकल्पों पर विचार करने के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई उच्चस्तरीय बैठकें कर रहे हैं। इस हमले में 26 नागरिक मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। हमले के बाद पीएम मोदी ने कहा था कि आतंकियों को कल्पना से ज्यादा बड़ी सजा मिलेगी, उनकी बची जमीन को भी मिट्टी में मिला देंगे।

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