Meghalaya: राजा रघुवंशी हत्याकांड से पूरा देश हिला हुआ है, मेघालय पर इस हत्याकांड का काफी असर पड़ा है,, हालांकि शिलांग के लोगों ने उनके राज्य को बदनाम करने वालों के खिलाफ आवाज उठाई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि मेघालय के पर्यटन और यहां की अर्थव्यवस्था को जो नुकसान हुआ है उसके लिए वो लोग जिम्मेदार हैं, जो उनके राज्य को बदनाम कर रहे हैं।
शिलांग में एक टैक्सी ड्राइवर ने कहा, “मेघालय के बारे में गलतफहमी थी। मेघालय को बेवजह राजा रघुवंशी हत्याकांड के बाद बदनाम किया जा रहा था। जबकि ऐसा कुछ नहीं है। लोग इस बारे में सुन रहे हैं और पर्यटकों ने यहां आना बंद कर दिया है। लेकिन ये सब गलत है। मेघालय के स्थानीय लोग निर्दोष हैं और उन्हें दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए। हम टैक्सी चालक हैं और इससे हमारी अर्थव्यवस्था पर असर पड़ा है।”
बाबुल नाम के एक स्थानीय निवासी ने कहा, “मेघालय पर ये आरोप गलत है। मामला सुलझा लिया गया है, आरोपियों को सजा मिलनी चाहिए क्योंकि उन्होंने हमें और हमारे पर्यटन विभाग को बदनाम किया है। पर्यटक बहुत कम आ रहे हैं, लोग आने से डर रहे हैं। पर्यटक ड्राइवर और टूरिस्ट गाइड पर भरोसा करने से डर रहे हैं।”
हनीमून मनाने के लिए राज्य में आए रघुवंशी और उनकी पत्नी सोनम 23 मई को पूर्वी खासी हिल्स के सोहरा में लापता हो गए थे। दो जून को रघुवंशी शव वेइसाडोंग फॉल्स के पास एक घाटी में मिला, जबकि उनकी पत्नी की तलाश जारी थी।
पुलिस के अनुसार, शव के पास एक खून से सना चाकू भी मिला, जो नया लग रहा था। सोनम सुबह-सुबह उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में पुलिस के सामने आई और उसने आत्मसमर्पण कर दिया। जांचकर्ताओं ने देश को हिला देने वाले अपराध में कथित रूप से शामिल चार अन्य लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।
टैक्सी ड्राइवर “यह तो गलतफहमी हुआ है। ये लेकिन यहां मेघालय को बहुत बदनामी दे रहा था (राजा रघुवंशी हत्याकांड) लेकिन ये उल्टा है ये ऐसा नहीं है। ये उल्टा हो गया आदमी लोग तो सुन रहा है टूरिस्ट लोगों ने यहां आना बंद किया है। वो भी सुन लिया है आदमी लोगों ने हैं न, लेकिन ये गलत है। ये मेघालय आदमी कोई ये गुनहगार नहीं है। हम लोग टैक्सी ड्राइवर हैं। हम लोगों पर थोड़ा असर हो रहा है यहां में। सारे लोग मालूम हो गया ना।”
स्थानीय निवासियों का कहना है कि “इस टूरिज्म का तो एक्चुअली कोई कुछ किया नहीं है, लेकिन ये जो इल्जाम लगा है मेघालय के ऊपर में, ये एक्चुअली गलत है। सारे सब जानकारी मिलने के बाद में पता लगा चला कि उन लोगों का ये चाल है। तो इसमें उनको कड़ी से कड़ी सजा देना चाहिए उन लोगों को, क्योंकि ऐसे बदनाम कर के चले गए न। हम लोगों का पूरा टूरिस्ट डिपार्टमेंट और चेरापूंजी को। ये एक्चुअली पूरा गलत है। दिक्कत हो रहा है अभी टूरिस्ट कम है। लोग घबरा रहा है घूमने के लिए, बदनाम हो गया। ड्राइवर लोगों के ऊपर भी एक डर रहता है, गाइड लोगों के ऊपर भी डर रहता है तो इसलिए मतलब।”
पर्यटकों का कहना है कि “टूरिस्ट प्लेस में ऐसी चीजें ना हों और टूरिस्टों की जो सुरक्षा है उसका ख्याल रखा जाए और प्रशासन को इस मामले में ज्यादा एक्टिव रहना चाहिए ताकि लोगों के अंदर एक अच्छा मैसेज जाए कि भई यहां पर जो भी आएगा वो सेफ रहेगा और खासकर लोग इधर आते हैं। घूमने-घामने जाते हैं तो उसका प्रोपर्ली चेकिंग वगैरह हो। भई कौन गाड़ी में ले गया? क्या है? ये चीजें अगर अच्छे से होंगी तो लोगों के अंदर एक उत्साह भी पैदा होगा और वो अच्छे से अपनी जो भी टूरिस्ट यात्रा वगैरह है वो एंजॉय कर पाएंगे।”