Manipur: मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने लूटे गए और अवैध हथियारों को पुलिस को सौंपने की समयसीमा बढ़ाकर छह मार्च शाम चार बजे तक कर दी। ये समयसीमा पहाड़ी और घाटी क्षेत्रों के लोगों की अतिरिक्त समय दिए जाने की मांग के बाद बढ़ाई गई।
बयान में कहा गया है, ‘‘स्वैच्छिक रूप से हथियार सौंपने की सात दिन की समय सीमा समाप्त होने पर घाटी और पहाड़ी क्षेत्रों के लोगों ने इस अवधि को बढ़ाने का अनुरोध किया है। मैंने इन अनुरोधों पर विचार किया है और छह मार्च को शाम चार बजे तक समय सीमा बढ़ाने का फैसला किया है।’’
इसमें आश्वासन दिया गया कि इस दौरान हथियार सौंपने वालों के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी। बयान में कहा गया, ‘‘ये शांति, सांप्रदायिक सद्भाव, हमारे युवाओं के भविष्य और हमारे समाज की सुरक्षा में योगदान करने का सभी संबंधित लोगों के लिए अंतिम मौका है।’’
राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने लोगों से लूटे गए और अवैध रूप से रखे गए हथियारों को सात दिन के अंदर स्वेच्छा से पुलिस को सौंपने का 20 फरवरी को आग्रह किया था। मई 2023 से इंफाल घाटी में मेइती और आसपास की पहाड़ियों पर बसे कुकी- इन दोनों समूहों के बीच जातीय हिंसा में 250 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए।
मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के अपने पद से इस्तीफा देने के कुछ दिनों बाद पूर्वोत्तर राज्य में राजनीतिक अनिश्चितता पैदा हो गई थी। इसके बाद केंद्र सरकार ने 13 फरवरी को मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगा दिया था। गृह मंत्रालय द्वारा जारी एक अधिसूचना के अनुसार, मणिपुर विधानसभा को निलंबित किया जा चुका है। विधानसभा का कार्यकाल 2027 तक है।