Kolkata: कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सांप्रदायिक टिप्पणियों वाला वीडियो अपलोड करने के आरोप में गिरफ्तार सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर शर्मिष्ठा पनोली को अंतरिम जमानत दे दी। अदालत ने कहा कि उसके खिलाफ शिकायत में किसी संज्ञेय अपराध का खुलासा नहीं हुआ है, कानून की छात्रा पनोली को पिछले सप्ताह हरियाणा के गुरुग्राम से कोलकाता पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
उसके खिलाफ कोलकाता के गार्डन रीच थाने में एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी। ये प्राथमिकी एक वायरल वीडियो के मद्देनजर दर्ज की गई थी, जिसमें उसने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर बॉलीवुड अभिनेताओं की आलोचना करते हुए विवादास्पद टिप्पणी की थी।
न्यायमूर्ति राजा बसु चौधरी की पीठ ने आदेश दिया कि उसे 10,000 रुपये की जमानत राशि और जमानत मुचलके पर रिहा किया जाए तथा मामले की जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया। उच्च न्यायालय ने पुलिस को पनोली को सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश दिया, क्योंकि उसने शिकायत की थी कि उसके सोशल मीडिया पोस्ट के बाद उसे धमकियां मिल रही हैं।
शर्मिष्ठा पनोली के पिता पृथ्वीराज पनोली ने कहा कि “किसी भी दूसरे पिता की तरह मैं भी बेहद खुश हूं कि मेरी बेटी बाहर आ गई है और वो जेल की जिंदगी नहीं बल्कि सामान्य जिंदगी जी सकती है। मेरी बेटी को धमकाया जा रहा है, माता-पिता उसकी सुरक्षा चाहते हैं और हमने माननीय न्यायालय से सुरक्षा प्रदान करने के लिए कहा है और हमें खुशी है कि ये दी जाएगी। धमकी की प्रकृति बहुत ही साफ है, आप उस डर को व्यक्त नहीं कर सकते जो आपको होता है, जब लोग ‘सर तन से जुदा’ (शरीर से सिर अलग) जैसी बातें कर रहे होते हैं। ये ऑनलाइन मॉब लिंचिंग है। हर सेकंड हमें मेल, टेक्स्ट के माध्यम से संदेश मिल रहे थे। इसलिए ये हमारे लिए एक डरावना था और इसीलिए हम 15-19 मई तक पुलिस के पास जाते रहे।
इसके साथ ही आईएसएफ विधायक नौशाद सिद्दीकी ने बताया कि “अदालत ने जो सही समझा, वही किया है। दो दिन पहले अदालत ने कहा था कि उसे किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचानी चाहिए। साथ ही कहा था कि उसे बोलने की आज़ादी है। उसे वीडियो बनाने के लिए बहकाया गया था। वो कानून की छात्रा है, हम चाहते हैं कि वह देश, समाज और समाज की एकता के लिए काम करे।”