Kerala: स्वास्थ्य विभाग ने एमपॉक्स को लेकर अलर्ट जारी किया, एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग

Kerala: कई देशों में एमपॉक्स फैलने की रिपोर्ट के बाद केरल स्वास्थ्य विभाग ने बुधवार को राज्य में अलर्ट जारी किया है। प्रभावित देशों से आने वाले यात्रियों की स्क्रीनिंग के लिए एयरपोर्ट पर निगरानी टीमें तैनात की गई हैं, डब्ल्यूएचओ ने एमपीओएक्स को पब्लिक हेल्थ इमर्जेंसी घोषित किया है।

राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि जिन देशों में एमपॉएक्स की सूचना मिली है, वहां से आने वाले हर शख्स की एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग होगी। लक्षण पाए जाते हैं, तो उन्हें अलग करके इलाज किया जाएगा, यह संक्रमण आमतौर पर दो से चार हफ्तों तक रहता है। ये किसी संक्रमित के साथ लंबे समय तक संपर्क में रहने से फैलता है।

स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि बीमारी को फैलने से रोकने के लिए पूरी सावधानी बरती जा रही है, जनता को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। स्वास्थ्य मंत्री एम. सुब्रमण्यम ने कहा कि “चेन्नई, मदुरै और त्रिची सहित तमिलनाडु के सभी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर विदेशों से आने वाले लोगों का मंकीपॉक्स का टेस्ट किया जा रहा है। आने वाले सभी लोगों के टेम्परेचर की जांच के लिए सभी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर मास फीवर स्क्रीनिंग सिस्टम लगाए गए हैं।”

एम्स मेडिसिन विभाग से नीरज निश्चल ने कहा कि “क्लोज कॉन्टेक्ट से ये बीमारी फैलती है। अभी तक तक कोई क्लियर कट एविडेंस नहीं है कि ये सांस के जरिए हवा में फैलती है।ऐसा कोई एविडेंस नहीं है लेकिन अगर कोई संक्रमित मरीज है और उनकी संक्रमित स्किन से आप लगातार संपर्क में है अगर उनके कपड़े जिसे हम बिना साफ सुथरा किए हम टच करते हैं काफी समय तक तो इंफेक्शन फैल सकता है। जैसे हमने कहा था कि कोविड के समय आप सावधानी बरतिए। क्योंकि कोविड तो हवा में फैलती थी, लेकिन ये हवा में नहीं फैलती है। इसलिए हम इसमें नॉर्मल हाईजीनिक की बात करते हैं जैसे फ्रीक्वेंट हैंडवॉश, ऐसे मरीज के कॉनट्रेक्ट में अगर आपको जाना पड़ रहा है। तो मास्क पहनें, उनके कपड़ों की सफाई का आप ध्यान रखें।”

उन्होंने कहा कि “मैं अभी भी कहूंगा कि ये एक विदेशी बीमारी है। कहने का मतलब है कि ये हमारे देश में उस तरह से इतना कॉमन प्रिवलेंट नहीं है, तो अगर हम घर में बैठे हैं तो हमें रेशज और बुखार हो जाते हैं तो इसका ये मतलब नहीं है कि हमें मंकीपॉक्स हो गया। अभी भी इस सिचुएशन में डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया ये ज्यादा कॉमन बीमारियां हैं बुखार के साथ रेशज वाली, लेकिन जैसे मैंने कहा कि अगर आपमें रिस्क फैक्टर है और आप एमएसएम है ऐसे कॉन्टेक्ट की हिस्ट्री है जहां पर ये मरीज रहे हैं और आपकी ट्रैवल की हिस्ट्री है तो अगर आपको बुखार होता है और ब्लिस्टर जैसे दाने होते हैं आपको फोड़े जैसे छाले जो नॉर्मल किसी भी बीमारी में होती हैं इसमें खांसी भी हो सकती है। ग्लैंड्स में सूजन और छाले हो सकते हैं।”

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