Karnataka: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने सोमवार को एक बयान जारी किया, जिसे पाँच साल के कार्यकाल के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के तौर पर देखा जा रहा है। इससे पहले उन्होंने राज्य में नवंबर में “राजनीतिक क्रांति” की अटकलों को खारिज करते हुए इसे ‘भ्रम’ बताया। मुख्यमंत्री ने पिछले हफ़्ते दोहराया था कि वो अपना पूरा कार्यकाल पूरा करेंगे।
उन्होंने कहा था कि वो अपने दूसरे कार्यकाल में ढाई साल तक मुख्यमंत्री रहे हैं और बाकी अवधि तक पद पर बने रहेंगे। राज्य में तथाकथित ‘नवंबर क्रांति’ पर एक सवाल के जवाब में सिद्धरमैया ने कहा, “कोई ‘क्रांति’ नहीं है, ये सिर्फ़ आपकी ‘भ्रम’ है, बस।”
नवंबर में कांग्रेस सरकार के अपने पांच साल के कार्यकाल के आधे पड़ाव पर पहुंचने पर राज्य में सत्ता परिवर्तन की अटकलें तेज़ हो गई हैं, जिसे कुछ लोग “नवंबर क्रांति” कह रहे हैं। कर्नाटक बीजेपी अध्यक्ष बी. वाई. विजयेंद्र ने रविवार को बिहार चुनावों के बाद राज्य में “काफी राजनीतिक बदलाव” की भविष्यवाणी की।
उन्होंने सत्तारूढ़ कांग्रेस के भीतर इस साल के अंत में मुख्यमंत्री बदलने की उठ रही आवाज़ों का हवाला दिया। राज्य के राजनीतिक हलकों में, खासकर सत्तारूढ़ कांग्रेस के भीतर, नेतृत्व में संभावित बदलाव को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं। सिद्धरमैया और उप-मुख्यमंत्री डी के शिवकुमार के बीच सत्ता-साझाकरण समझौते का हवाला देते हुए राज्य के राजनीतिक हलकों में, खासकर सत्तारूढ़ कांग्रेस के भीतर नेतृत्व परिवर्तन को लेकर अटकलबाजी चल रही है।
कुनिगल से कांग्रेस विधायक एच.डी. रंगनाथ और मांड्या के पूर्व सांसद एल.आर. शिवराम गौड़ा ने पिछले हफ़्ते ये दावा करके बहस को फिर से हवा दे दी कि शिवकुमार राज्य के अगले मुख्यमंत्री बनेंगे। गौड़ा ने आगे कहा कि ये नवंबर में होगा।
मई 2023 में विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद सिद्धरमैया और शिवकुमार के बीच मुख्यमंत्री पद के लिए कड़ी टक्कर थी। कांग्रेस ने आखिरकार शिवकुमार को मना लिया और उन्हें उप-मुख्यमंत्री बना दिया।
उस समय कुछ रिपोर्टों में कहा गया था कि “रोटेशनल मुख्यमंत्री फॉर्मूले” के आधार पर समझौता हो गया है, जिसके तहत शिवकुमार ढाई साल बाद पदभार संभालेंगे, लेकिन पार्टी द्वारा इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।