Karnataka: कर्नाटक के छोटे से शहर हम्पी को यूनेस्को विश्व धरोहर की सूची में जगह मिली हुई है। ये शहर लुभावने खंडहरों, प्राचीन मंदिरों और अपनी सांस्कृतिक विरासत के लिए मशहूर है। हम्पी में विशाल चट्टानों पर बनी वास्तुकला दक्षिण भारत के सबसे मशहूर राजवंशों में एक, विजयनगर साम्राज्य के वैभव और प्रतिभा की मिसाल है।
हम्पी में भगवान शिव का विरुपाक्ष मंदिर सबसे पुराने और सबसे सम्मानित मंदिरों में एक है। सातवीं सदी में बने मंदिर में आज भी पूजा करने की परंपरा बनी हुई है। हम्पी का एक और मंदिर विजयनगर वास्तुकला का प्रतीक है। ये विट्ठल मंदिर है। ये मंदिर अपने मशहूर पत्थर के रथ और संगीतमय स्तंभों के लिए जाना जाता है।
16वीं सदी में राजा कृष्णदेवराय के शासन में बने मंदिर के अहाते में 56 खंभे हैं। उनपर बारीक नक्काशी की गई है। उन खंभों पर टैप करने से संगीतमय ध्वनि निकलती है। हम्पी विजयनगर राजघराने की राजधानी भी थी। यूनेस्को विश्व धरोहर की सूची में शामिल हम्पी का वास्तुशिल्प किसी खजाने से कम नहीं। यहां की हर जगह ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व की है।
पत्थर पर नक्काशी वाले मंदिरों से लेकर खूबसूरत संरचनाओं और शाही स्मारकों से लेकर बारीक डिजाइन वाले स्नान घर तक, हम्पी का हर कोना भक्ति, कलात्मकता और शाही भव्यता की कहानी बयां करता है।
विजयनगर साम्राज्य की विरासत को अपनी आगोश में लिए प्राचीन शहर सैलानियों को मंत्रमुग्ध कर देता है। निश्चित रूप से हम्पी ना सिर्फ सैलानियों, बल्कि इतिहास के प्रति दिलचस्पी रखने वालों के लिए शानदार जगह है।