J&K Polls: उरी के लोगों को नई सरकार से पाकिस्तान के साथ बस सेवा दोबारा शुरू करने की उम्मीद

J&K Polls: जम्मू-कश्मीर में आखिरी यानि तीसरे चरण की वोटिंग होनी है, इस चरण में उरी में भी मतदान होगा। ऐसे में यहां के वोटर सरकार से उम्मीद कर रहे हैं कि नई सरकार पाकिस्तान के साथ बस सेवा और व्यापार दोनों को शुरू करेगी।

लोगों का मानना ​​है कि स्थानीय रोजगार के अवसर बढ़ाने और दोनों देशों के रिश्तों के लिए इन पहलों को बहाल करना जरूरी है, कुछ लोग उस दौर को भी याद करते हैं जब दोनों देशों के बीच व्यापार अच्छी तरह से चलता था। लोगों का कहना है कि दोनों देशों के बीच तनाव की वजह से व्यापार तो बंद हुआ ही है साथ ही लोगों के बीच आपसी रिश्ते भी अलग हो गए हैं, उरी के लोग एक अक्टूबर को वोटिंग के लिए उत्साहित हैं क्योंकि उन्हें उम्मीद है कि नई सरकार उनकी मांगों पर ध्यान देगी।

स्थानीय निवासियों का कहना है कि “हम यह उम्मीद करेंगे और उम्मीद रखते हैं कि अगर इसको दोबारा इसको बहाल किया जाए तो मुझे लगता है एक तो ये रिश्ते ठीक होंगे। फिर लोगों का यहां आना जाना भी होगा और फिर हालात भी इससे ठीक रहते हैं। ट्रेड को अगर शुरू किया जाएगा तो यहां के जो बेरोजगार युवा हैं, दुकानदार हैं, गाड़ियों वाले लोग है उनको भी रोजगार मिलेगा। ये मेरे ख्याल में अच्छा स्टेप होगा कि अगर सरकार इस पर एक स्टेप ले ले।”

लोगों का कहना है कि “हम बड़े खुश हैं अगर चुनाव हुए यहां पर कम से कम ये तो बहाल हो जाए। य़े ट्रेड स्टार्ट हो जाए और यहां पर ये पीओके की बस है वो आमतौर पर जिस तरह वीकली वन टाइम जाती थी वो शुरू होनी चाहिए। यह जो वहां पे जो ट्रेड चल रहा था, जो बस सर्विस चल रही थी, वो 2019 के आसपास बंद हुई, इससे ट्रेड को बहुत बड़ा फर्क पड़ा। ये जो उड़ी है, यहां से ये बस सर्विस जाती थी। मार्केट को बहुत ज्यादा फर्क पड़ा। बहुत से लोग जो जुड़े थे इस ट्रेड से वो अपना रोजगार कमा रहे थे, वो अपना बिजनेस का, छोटा या बड़ा कमा रहे थे, ट्रेडर थे, तो उनको बड़ा नुकसान हुआ और साथ ही साथ इस मार्केट में, इसको बहुत बड़ा फर्क पड़ा उसके बंद होने से।”

“यहां पर अच्छा कारोबार चल रहा था, जो लड़के इस ट्रेड के साथ जुड़े हुए थे, उनका रोजगार भी मुत्तासिर हुआ। यहां के जो आम लोग हैं, वो भी मुत्तासिर हुए और दूसरी बात थी कि यहां पर हमारे अटेचमेंट थी पीओके के साथ, जहां पर हमारे रिश्तेदार थे, बहुत सारे लोग हैं, जो यहां उनको मिलने के लिए जाते। वो यहां मिलते आते थे। हमें उनके कल्चर के बारे में पता चलता था और हमारा कल्चर उनको पता लग रहा था। यहां पर सबसे ज्यादा नुकसान जो ट्रेड से हुआ, सिर्फ उरी के बाजार को ही नहीं, बल्कि पूरे कश्मीर को बहुत ज्यादा नुकसान हुआ।”

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