Janmashtami: दिल्ली के मशहूर मंदिरों में जन्माष्टमी मनाने की जोरदार तैयारियां चल रही हैं, इनमें मशहूर बिड़ला मंदिर और द्वारका का इस्कॉन मंदिर भी शामिल हैं। कोशिश है कि जन्माष्टमी पर आने वाले श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी न हो, बिड़ला मंदिर में त्योहार के दिन भारी भीड़ आ सकती है। इसे देखते हुए सुरक्षा उपाय बढ़ाए दिए गए हैं। स्वयंसेवकों के साथ दिल्ली पुलिस मंदिर के आसपास कड़ी निगरानी कर रही है। सुरक्षा के लिहाज से पूरे इलाके को सीसीटीवी कामरों से लैस किया गया है।
मंदिर खूबसूरती से सजाए जा रहे हैं। सजावट के सामानों में चमकीले फूलों और मोर पंखों के अलावा बिजली की चमकदार रोशनी भी शामिल है। भगवान कृष्ण को 56 प्रसाद सहित खास भोग अर्पित किया जाएगा। श्रद्धालुओं के लिए भंडारे की भी योजना है।
द्वारका के इस्कॉन मंदिर में भी तैयारियां जोरों पर हैं। मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए एक बड़ा मैदान तैयार किया गया है। इसमें बैठने के लिए चार पंडाल लगाए गए हैं। भगवान कृष्ण के लिए खास सजावट और कपड़ों की व्यवस्था की जा रही है, पूरे दिन भजन कीर्तन और कृष्ण लीला सहित सांस्कृतिक गतिविधियां आयोजित की जाएंगी।
इस्कॉन मंदिर के श्री मंत स्वामी ने कहा कि “जन्माष्टमी के दिन पूरा समय व्रत रखना चाहिए। जितना संभव हो प्रयास करना चाहिए। निर्जला बेस्ट है। नहीं रख सकते हैं तो जल पीके, फल खाके, व्रत रखते हैं। जन्माष्टमी का जो व्रत है वो आपको ब्रह्म मुहूर्त से चालू हो जाएगा। 26 तारीख को। और रात को साढ़े बारह बजे के… 12 बजे भगवान का जन्म होता है। इसके बाद ब्रह्म मुहूर्त तक। सुबह चार बजे के बाद ही अगर अन्न लें तो अच्छा है। अदरवाइज पूरा दिन व्रत रहेगा जन्माष्टमी के दिन।”
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि “भव्य तरीके की तैयारियां चल रही हैं, क्योंकि पिछली बार हमारे यहां 500,000 श्रद्धालुगण आए थे। इस बार हम उससे भी अधिक की अपेक्षा कर रहे हैं, प्रसाद बन रहा है इस्कॉन द्वारका मंदिर में। तो अवश्य ही पांच लाख से अधिक श्रद्धालु आएंगे। और जो प्रोग्राम रहेगा वो 25 तारीख शाम से ही शुरू हो जाएगा। 25 तारीख को हमारे यहां भगवान का अधिवास होता है, जिसमें जन्माष्टमी के दिन जो भी वस्त्र-अलंकार सजाए जाएंगे भगवान को, उससे पहले ही भगवान को ऑफर किया जाता है। उनको अर्पित किया जाता है और इसके बाद 25 तारीख को शाम को ही जो छोटे पर्दे के सितारे हैं, कुहू, पीहू और खुशी- इनका भी उस दिन धूम मचाने वाला प्रोग्राम है। साथ ही साथ 500 जो स्कूल के बच्चे हैं, वो भगवान के अलग-अलग लीलाओं पे मंचन करेंगे। भगवान की लीलाओं की यहां पर नाटकीय प्रस्तुति होगी। इस तरह 25 तारीख का प्रोग्राम रहेगा। और 26 तारीख को सुबह साढ़े चार बजे से भगवान द्वारकाधीश का दर्शन खुला रहेगा और रात के एक बजे तक लगातार अनवरत दर्शन रहेगा। सब भक्तों के लिए यहां पे प्रसाद की व्यवस्था रहेगी। क्योंकि उस दिन व्रत है। तो सबको खाने-पीने की व्यवस्था यहां पे की जाएगी। साथ ही साथ भगवान को एक लाख व्यंजनों का भोग लगाया जाएगा। इस बार विशेष रूप से आकर्षण है। औऱ हर एज ग्रुप के, चाहे वो बच्चे हों, चाहे गर्ल्स हों, ब्वॉयज हों, मैरीड हों या वरिष्ठ व्यक्ति हों, सबके लिए अलग-अलग प्रकार के प्रोग्राम, कोर्सेज कंडक्ट किए जा रहे हैं। उनका यहां पे रजिस्ट्रेशन होगा, साथ ही साथ भगवान के जन्मदिन के अवसर पर भगवान की इच्छाएं जो हैं, श्रीमद्भगवतगीता, भगवत पुराण में, उन पुस्तकों का यहां पे वितरण होगा, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग न सिर्फ जन्माष्टमी के दिन, बल्कि आगे आने वाले दिनों में भी इसका लाभ उठा सकें।”