Jammu-Kashmir: जम्मू-कश्मीर में सीमा पार से गोलाबारी का खतरा फिर बढ़ रहा है, जम्मू में अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे अरनिया सेक्टर के सोहाग पुर गांव में सरकारी मिडिल स्कूल को एक भूमिगत बंकर में शिफ्ट कर दिया है, ताकि छात्र सुरक्षित रहें। दरअसल अरनिया सेक्टर में गुरुवार को करीब सात घंटे तक पाकिस्तान से भारी मोर्टार दागे गए। जम्मू कश्मीर सीमाओं पर 25 फरवरी, 2021 को संघर्ष विराम लागू हुआ था, शुक्रवार को पहली बार संघर्ष विराम का बड़ा उल्लंघन हुआ।
हेड मिस्ट्रेस अंजू सईदी ने बताया कि “कल जो बहुत बमबारी हुई है, जो भी, वहां से, पाकिस्तान की तरफ से, उसको देखते हुए सेफ्टी पर्पस के लिए बच्चों के क्लासेज हमने यहां पे लगाई हुई हैं, बंकर में। फोन आए हैं कि बच्चों को स्कूल भेजें कि नहीं भेजें। तो हमने यही प्रेफर किया, जो आपको मुनासिब लगे। जो बच्चे आएंगे, हमारे पास बंकर है। इतना ही हमने प्रोवाइड किया है कि हमने वहां बच्चों के बैठने के इंतजाम कर दिए हैं। हमने इतना ही कहा है कि गार्जियन को हर किसी का बच्चा अजीज है।” गोलाबारी से छात्र डरे हुए थे। फिर भी पढ़ाई जारी रखने के लिए बंकर में क्लास किया।
छात्राओ का कहना है कि “कल रात को बहु फायरिंग हो रही थी। बहुत जोर से आवाजें आ रही थीं। हम सब घर वाले बहुत डर गए थे और घर वाले बोल रहे थे कि हम अभी कहीं नहीं जा सकते। और सुबह जैसे ही होगी, हम कहीं चले जाएंगे और कहीं शिफ्ट हो जाएंगे। पर मैंने बोला नहीं हमारी पढ़ाई खराब हो जाएगी। हमें स्कूल जाना है। हम पढ़-लिख के कुछ बनना चाहते हैं। इसलिए हम स्कूल आए हैं। हमारे को बहुत डर लग रहा था, जब हम स्कूल में आए और हमारे टीचरों ने हमारे को यहां बंकर में शिफ्ट किया।”
Jammu-Kashmir: 
बता दे कि सीमा पार की गोलाबारी से छात्रों में डर है, बच्चों का भय दूर करने के लिए एक खास परामर्श कमरा बनाया गया है। शिक्षकों का कहना है कि “हमारे स्कूल में एक काउंसिलिंग सेल बना, जो बच्चों को अगर किसी भी टाइप का डर है, जैसे कि शेलिंग के बारे में। सुबह भी हमारे जो एचएम मैम हैं, उन्होंने इस डर से निकलने के लिए बच्चों को टिप्स दिए थे। तो काउंसिलिंग सेल हमारा बहुत चीजों पे काम करता है।”
स्कूल अधिकारियों के मुताबिक क्लास को भूमिगत बंकर में शिफ्ट करने से थोड़ी परेशानी जरूर है, लेकिन छात्रों की सुरक्षा हमेशा पहली प्राथमिकता रही है। लिहाजा खतरों का मुकाबला करते हुए छात्रों की पढ़ाई जारी रखने के उपाय जरूरी हैं।