Jammu-Kashmir: साहित्य और स्थानीय कला को एक साथ लाने के मकसद से जम्मू कश्मीर के डोडा में चिनाब पुस्तक मेले और साहित्य महोत्सव की शुरुआत हुई, पांच दिनों की इस नुमाइश में कई तरह की पुस्तकों के साथ स्थानीय कलाकारों के शिल्प को भी शामिल किया गया है।
कार्यक्रम का उद्घाटन डोडा के उपायुक्त की मौजूदगी में किया गया। उन्होंने इस दौरान कहा कि किताबें युवाओं को बेहतर जीवन का रास्ता दिखाने में अहम भूमिका निभाती हैं।
इस दौरान नुमाइश में शिरकत कर रहे लेखकों और दर्शकों ने भी अपनी राय रखी, महोत्सव में आए कलाकारों ने कहा कि ऐसे आयोजन लगातार होने चाहिए, पुस्तक मेले में भद्रवाह जिला जेल के कैदियों के बनाए प्रोडेक्ट को भी प्रदर्शित किया गया।
आयोजकों के मुताबिक चिनाब पुस्तक मेले और साहित्य महोत्सव का मकसद पढ़ाई के साथ स्थानीय शिल्प कला को बढावा देना है। आयोजकों ने इस कार्यक्रम को हर साल आयोजित करने की योजना बनाई है, उन्हें उम्मीद है कि ये डोडा के लोगों के लिए स्थायी सांस्कृतिक कार्यक्रम बन जाएगा।
आयोजक डॉ. जमशेद अहमद ने कहा कि “लोकल आर्टिस्ट को हमने बुलाया है, लोकल आर्ट एंड क्राफ्ट लगा हुआ है। लोकल ऑथर्स के स्टॉल लगे हुए हैं। मैं लोकल ऑथर्स से भी इल्तिजा करता हूं कि वो अपना काम हमें दे दें। अपनी बुक्स को यहां सेल करें, डिस्पले करें। उसके अलावा हमारे पास 15 से 20 पब्लिशर्स भी आए हुए हैं कि इसमें हमने डिफरेंट सेशन भी रखे हैं। इसमें इंटर स्कूल सिम्पोजियम है। इसमें इंटर कॉलेज एक्सटेंपरी है, इसमें मुशायरा है, इसमें अफसाना नशिस्त हमने रखी हुई है और इसमें हमने कोशिश की है कि जिन नौजवानों ने पिछले पांच-छह सालों में कुछ अचीव किया है एजुकेशनल फील्ड में, एडमिनिस्ट्रेटिव फील्ड में, सोशल वर्क में उन्हें भी हम रोज दो-दो तीन-तीन लोगों को यहां पर बुलाकर ऑनर करेंगे।”
इसके साथ ही कहा कि “इसका नाम जो है चिनाब बुक मेला कम लिटरेरी फेस्ट जो पांच दिन का यहां पर मेला लगाया है। इसमें हमने ज्यादातर यूथ को अट्रेक्ट करने के लिए बुक मेला लगाया है। बुक स्टॉल लगाए हैं इसके अलावा बहुत सारे ऐसे आर्टिस्ट हैं, मतलब जो ग्रोइंग आर्टिस्ट हैं उसमें ज्यादातर पेंटिंग, स्केचिंग है, बाकी जितने भी आर्टिस्ट हमारे लोकल जो हैं उनके लिए ये सब हमने इतना सेट अप किया है।”