Jammu-Kashmir: जम्मू-कश्मीर में उधमपुर जिले के काह गांव की महिलाएं दिवाली के लिए गाय के गोबर से इको-फ्रेंडली दीये बना रही हैं, यह महिलाएं ग्रुप में काम करती है। इन महिलाओं को गांव के रहने वाले मनोहर लाल शर्मा लीड करते हैं। उनके इस ग्रुप में करीब 20 से 25 महिलाएं शामिल हैं, जो गाय के गोबर को खाद में बदलकर काफी प्रॉफिटेबल बिजनेस चला रही है।
डेयरी चलाने वाले मनोहर शर्मा ने महिलाओं को बढ़ावा दिया, आज उनके बनाए गए दीये जम्मू कश्मीर के बाजारों में बेचे जा रहे हैं। दीया निर्माता मनोहर लाल शर्मा ने बताया कि “यह हमने पिछले साल दिवाली पर गोबर के दीये बनाने शुरू किए थे, जिसमें जो ये केंद्र है, ये एक प्रशिक्षण केंद्र है। जिसमें हमारी ये जिनती भी माताएं, बहनें और भाई बंधु हैं उनके प्रशिक्षण देते हैं, उनकों ट्रेंड करते हैं। ट्रेंड करने के बाद वो अपने-अपने क्षेत्र में काम करते हैं। यहां से जो भी मेटिरिलय, रॉ मेटिरियल उनके नहीं मिलता है, बाहर से मंगवाना पड़ता है। वो हम इनको तैयार करके देते हैं, अलग-अलग गोशालाओं में भेजते हैं और हमारे अभी जम्मू कश्मीर के अलग-अलग गोशालाओं में ये हुआ है। ये काम हमने आरंभ करवाया है।”
मनोहर शर्मा की यह पहल ना सिर्फ महिलाओं को आत्मनिर्भर बना रही है, बल्कि पर्यावरण की सुरक्षा में भी काफी मददगार साबित हो रही है। दीया निर्माता अर्चना देवी ने कहा कि “हम गोबर के दीये तैयार कर रहे हैं और पिछली दिवाली से हमने ये गोबर के दिए बनाना शुरू किए थे और इस दिवाली पर भी हमने काम शुरू कर दिया है और वो सारी लेडीज जो घरों में काम कर रही हैं, दीये बना रही हैं। पहले वो हमारे साथ इधर ही आती थी और दीये बनाती थी। अभी सारी अपने घरों में सामान लेकर जातीं हैं और उधर की दीये बनाती हैं।”
महिलाओं को दिवाली से पहले अच्छी बिक्री की उम्मीद है, उन्हें भरोसा है कि बाकी लोगों की तरह ही वो भी अच्छे से दिवाली मना सकेंगी।