Jammu-Kashmir: जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में आर्किटेक्चरल एपीग्राफी पर प्रदर्शनी शुरू हुई, एक सप्ताह चलने वाली प्रदर्शनी कश्मीर आर्ट्स एम्पोरियम में लगी है, प्रदर्शनी में एपीग्राफी के जरिये कश्मीर का इतिहास और संस्कृति दिखाई गई है।
प्रदर्शनी का आयोजन इस्लामिक यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी ने किया है, पहले दिन प्रदर्शनी को देखने जम्मू कश्मीर के कई कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के छात्र पहुंचे। आयोजकों ने बताया कि प्रदर्शनी में कई तस्वीरें, नक्काशी, पेंटिंग औरे एपीग्राफी के अनुवाद शामिल हैं, यह कश्मीर की ऐतिहासिक परंपराओं और सांस्कृति के संरक्षण की पहल है।
शिक्षाविद् शकील अहमद रामशू ने बताया कि “इस एग्जीबिशन का मकसद ये है कि हम जो डिफरेंट सेगेमेंट ऑफ सोसायटी है चाहे वो यूथ, एकेडमी है, गवर्नमेंट है तो उनमें हम विरासत के बारे में जागरुकता पैदा करना चाहते हैं। यह स्पेसिफिक एपीग्राफी आर्किटेक्चरल या आर्किटेक्चरल कैलीग्राफी है उसके मुताबिक इस एग्जीबिशन पर फोकस है, ताकि हमारे यूथ, हमारी सोसायटी, हमारी सरकार या अकादमिक में भी एक अवेयरनेस लाई जाए, कि यह कितना जरूरी हेरिटेज है, हमारे यहां कश्मीर में, इसमें कंजर्व और प्रिजर्व प्रमोट करने की जरूरत है।”
इसके साथ ही छात्रों का कहना है कि “इसका इम्पॉर्टेंस बहुत क्रूशियल है। इनसे हमें पता चलता है कि हमारे जो मॉन्यूमेंट्स बने हैं, वे किस पॉलिटिक्स के दौरान बने हैं और उनमें जो एपीग्राफी की गई है, जो युजुअली ईजी टू रीड नहीं होती है। ऐसे में पता चलता है कि लिखा क्या गया है। किस कॉन्टेक्स्ट में लिखा गया है। उनकी ट्रांसलेशन क्या है। ये हमारे समझने के लिए आसान है। क्योंकि ऐसे हम कहां हर मॉन्यूमेंट्स जाके पढ़ेंगे। तो यही इसकी इम्पॉर्टेंस है।” यहां पे हमारा फोकस जो है, वो ओल्ड हमारा कश्मीरी आर्ट था, रिलेटेड टू कैलीग्राफी एंड हर चीज, जो हम देखते हैं पूरे कश्मीर में, उसे हमने प्रोमोट करने की कोशिश की है, ताकि वो एक लार्जर पिक्चर पे बाहर आ सके।”