Jammu-Kashmir: कश्मीर में स्ट्रॉबेरी की तुड़ाई शुरू हो गई है, स्ट्रॉबेरी कड़ाके की ठंड के बाद सीजन का पहला फल होता है, श्रीनगर के बाहर गैसो – स्ट्रॉबेरी गांव के नाम से मशहूर है। इन दिनों यहां किसान चमकीले लाल स्ट्रॉबेरी की तुड़ाई करने में जुटे हैं। लगातार बारिश, तूफान और लंबे समय तक ठंडे मौसम से स्ट्रॉबेरी की फसल को नुकसान पहुंचता है। इससे किसानों को भी घाटा होता है, यहां बागवानी विभाग ने स्ट्रॉबेरी की खेती शुरू की थी, यह कई लोगों की आमदनी का जरिया है।
कई किसानों ने सब्जियां छोड़कर स्ट्रॉबेरी की खेती शुरू कर दी है। स्ट्रॉबेरी की खेती में ज्यादा मुनाफा होता है और लागत भी कम होती है, इस बदलाव से कई किसान आमदनी बढ़ाने में कामयाब हुए हैं। किसानों का कहना है कि यहां की जमीन जो है वो ऐसी है, मतलब इसमें फसल जल्दी तैयार होती है। जिसकी वजह से ये साल का पहला फ्रुट तैयार होता है, हम ये श्रीनगर मंड़ी में जाते हैं, वहां अलग-अलग जिलों में जाते हैं। लेकिन जिले के बाहर ये नहीं जा सकती है, क्योंकि इसकी शेल्फ लाइफ बहुत कम है। इस बार फसल जो है वो ठीक है बाकी जो बीच में बारिश आई, वेदर कंडीशन आई उसकी वजह से नुकसान हुआ इसमें, मैंने पहले ही बोला था आपको कि 90 प्रतिशत फैमिली यही करती है। आपने देखा होगा यहां पर लगभग 90 प्रतिशत फिल्ड पर स्ट्रॉबेरी होती है।
इसके साथ ही कहा कि “यह हमारे जीने-खाने का इकलौता स्रोत है, हम पूरे साल इसी में व्यस्त रहते हैं। लेकिन बेमौसम बारिश, ओला और बर्फ गिरने से हमें भारी नुकसान होता है। हम सरकार से मुआवजा चाहते हैं, क्योंकि हमारी आमदनी का दूसरा स्रोत नहीं है। सालों भर हमारा खाना-पानी इसी की बदौलत चलता है।