Jammu: जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में पोखरनी गांव लाइन ऑफ कंट्रोल से बमुश्किल आधा किलोमीटर दूर है। पोखरनी, नौशेरा विधानसभा सीट का हिस्सा है, जहां विधानसभा चुनाव के दूसरे दौर में वोटिंग होगी।
यहां की अर्थव्यवस्था के मुख्य आधार खेती, मवेशी पालना और डेयरी हैं। गांव वालों की शिकायत है कि उन्हें कम दरों पर दूध बेचने के लिए मजबूर किया जाता है, अब पोखरनी के लोगों की उम्मीदें नई सरकार पर टिकी हैं। उन्हें यकीन है कि नई लीडरशिप उन्हें दूध की सही कीमत दिलाने में मदद करेगी, कुछ लोगों का आरोप है कि दस साल से इलाके में कोई विकास नहीं हुआ है।
नौशेरा उन 26 विधानसभा सीट में एक है जहां 25 सितंबर को वोट डाले जाएंगे, 90 सीटों वाली जम्मू कश्मीर विधानसभा के लिए वोटों की गिनती आठ अक्टूबर को होगी।
पोखरनी गांव के पूर्व सरपंच नौशेरा मिया खान ने कहा कि “यह गांव ऐसा गांव है कि यहां लोग मेहनत-मजदूरी करते हैं और पशु पालते हैं। और पशु लोगों ने रखे हुए हैं। और प्रॉब्लम ये आती है हमें, जो हमारा दूध है वो 35 रुपये किलो में जाता है। और चारा हमारा जो है, वो 50 रुपये किलो है। ये हमें बहुत समस्या है। बाकी इंशाअल्लाह हम पशु वगैरह पाल के हमारा जीवन समर्थन करते हैं, लेकिन पशुओं की प्रॉब्लम यही है कि हमारा दूध का रेट है, वो बहुत कम रेट है। ये हमारी बहुत बड़ी समस्या है।”
स्थानीय निवासियों का कहना है कि “लोग मजदूरी करते हैं। हम मजदूर आदमी हैं, तो यहां पर खेती-बाड़ी का काम है। भैसें रखी हैं हमने। दूध बिक्री करते हैं, दूध का रेट बहुत कम है। इसके साथ ही कहा कि यहां हमारा यही कहना है, कोई रोजगार नहीं है। रोजगार नहीं है। हम यहां खेती-बाड़ी करके हम दूध और भैसों का पालन करके हमारा अपना वक्त पास होता है।