Jammu: आतंकवाद से प्रभावित रहे जम्मू कश्मीर के पुलवामा के युवा अब शांति और खुशहाली की उम्मीद कर रहे हैं, जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, पुलवामा के युवा वोटरों का उत्साह बढ़ रहा है। वे चाहते हैं कि उन्हें ज्यादा से ज्यादा रोजगार के मौके मुहैया करवाए जाएं।
इन युवा वोटरों को एक ऐसे उम्मीदवार की तलाश है जो उनके मुद्दों को हल करने के साथ ही विकास को बढ़ावा दे। पुलवामा नेशनल कॉन्फ्रेंस का गढ़ रहा है लेकिन इस बार पीडीपी और अवामी इतिहाद पार्टी समेत राजनैतिक दलों के 12 और कई निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में हैं। इससे ये मुकाबला और कड़ा हो गया है।
जमात-ए-इस्लामी समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार तलत मजीद की एंट्री से चुनावी गणित बदल गया है। माना जा रहा है कि प्रतिबंधित संगठन को पुलवामा के कुछ हिस्सों में मजबूत समर्थन मिला है। इस इलाके में करीब एक लाख वोटर हैं। विधानसभा चुनाव में पुलवामा में पहले फेज में 18 सितंबर को वोट डाले जाएंगे, वोटों की गिनती आठ अक्टूबर को होगी।
निवासियों का कहना है कि “अभी अगर हम देखेंगे जो यूथ है, यंग है और आने वाला जनरेशन भी है। अगर हम देखेंगे अभी बहुत से यूथ, बहुत से जवान ड्रग्स में है, क्योंकि मैं ये जानता हूं ये अनइंप्लॉयमेंट है। इससे इंसान धीरे-धीरे डिप्रेशन में चला जाता है। जब इंसान एक यंग एज। जब इंसान डिग्री खत्म करता है, तो कहीं न कहीं वो मजबूर होता है कि एक डिप्रेशन में जाता है या ड्रग्स करने में कोई भी गलत रास्ता चूज करता है।”
इसके साथ ही कहा कि बिल्कुल, यकीनन लोगों को उम्मीद दिख रही है। बहुत टाइम के बाद मच अवेटेड इलेक्शन है, लोग अपनी जो जो च्वाइस है, उनको वो एक्सप्रेस करना चाहेंगे। जो उनके सामने बेस्ट रिप्रेजेंटेटिव हैं उनको रिप्रेजेंटे करना चाहेंगे, क्योंकि एक अच्छी चीज है डेमोक्रेसी में अपने लोग मिलते हैं, अपने सेंटीमेंट प्रजेंट करते हैं, बोथ पार्लियामेंट एंड स्टेट असेंबली।”
उन्होंने कहा कि “यह असेंबली इलेक्शन बहुत अहमियत रखता है, इसलिए हमने कैंडिडेट चुना है अपना, वो यूथ लीडर है, बोलने वाला बंदा है। आगे जाकर बात करेगा, खासकर कश्मीर में बेरोजगारी है। पीएचडी और नेट क्वालिफाइड सब बैठे हुए हैं, इसलिए हम चाहते हैं कोई बोले। बात करें आगे जाकर, तभी बेरोजगारी खत्म हो सकती है।