India: 54 साल बाद सुरक्षा मॉक ड्रिल क्यों, कब और कैसे होगी

India: केंद्र सरकार ने पाकिस्तान से जारी तनाव के बीच देश के कई राज्यों में 7 मई को सुरक्षा मॉक ड्रिल करने की घोषणा की है, इससे पहले ऐसी ड्रिल साल 1971 में आयोजित की गई थी और इसी साल भारत और पाकिस्तान के बीच दो मोर्चों पर युद्ध हुआ था। अब 54 साल बाद पाकिस्तान सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच संभावित युद्ध की आशंका को देखते हुए केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को नागरिकों की सुरक्षा के लिए मॉक ड्रिल करने का आदेश दिया है।

गृह मंत्रालय के तहत नागरिक सुरक्षा के अतिरिक्त महानिदेशक बी संदीपकृष्ण ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण देश के 244 सीमावर्ती और तटीय जिलों में नागरिक सुरक्षा अभ्यास करने का निर्देश दिया है।

बता दें कि 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के तनाव के बीच नापाक हमले की स्थिति में प्रभावी नागरिक सुरक्षा की जा सके। पाकिस्तान सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच किसी भी संभावित युद्ध की आशंका को देखते हुए केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को नागरिकों की सुरक्षा के लिए मॉक ड्रिल करने का आदेश दिया है। गृह मंत्रालय के तहत नागरिक सुरक्षा के अतिरिक्त महानिदेशक बी संदीपकृष्ण ने सभी राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण देश के 244 सीमावर्ती और तटीय जिलों में नागरिक सुरक्षा अभ्यास करने का निर्देश दिया है।

कहां-कहां होगी मॉक ड्रिल-

देश के 25 राज्यों के कुल 244 सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट को संवेदनशीलता के आधार पर जिलों को बांटा गया है। दरअसल गृह मंत्रालय ने देश के कुल 35 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में 259 सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट की सूची तैयार की थी। हालांकि, सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट को सामान्य प्रशासनिक जिले नहीं कहा जा सकता। उत्तर प्रदेश में ऐसे कुल 19 जिले हैं। इनमें कानपुर, लखनऊ, मथुरा जैसे प्रशासनिक जिले और बक्शी का तालाब, सरवासा जैसे स्थान भी हैं, जो लखनऊ और सहारनपुर में हैं। यहां एयर फोर्स स्टेशन हैं।

निर्देशों के अनुसार, अभ्यास के तहत अहम प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के लिए उनकी पहचान छिपाने का बंदोबस्त किया जाए। ऐसा इसलिए किया जाता है, ताकि दुश्मन के विमान महत्वपूर्ण फैक्टरियों, प्रतिष्ठानों को दूर से ही निशाना न बना सकें। किसी भी युद्ध में दुश्मन की सेना ऐसे प्रतिष्ठानों को ही सबसे पहले निशाना बनाती है, ताकि अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ी जा सके। इसके अलावा, केंद्र सरकार ने हमले की स्थिति में आम लोगों की सुरक्षित निकासी की योजना बनाने और उनका बार-बार पूर्वाभ्यास करने के लिए कहा है।

निर्देश में वायुसेना के साथ हॉटलाइन और रेडियो संपर्क सुचारु बनाने, वार्डन सेवा, अग्निशमन, बचाव अभियान, डिपो प्रबंधन के संचालन को परखने के लिए भी कहा गया है। इसके अलावा इन सभी जिलों में नियंत्रण कक्ष और छद्म नियंत्रण कक्षों की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए गए हैं।

बता दें कि पाकिस्तान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की चल रही तैयारियों के बीच रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। बताया जा रहा है कि सिंह ने पीएम मोदी को सुरक्षा तैयारियों की पूरी जानकारी दी है। इनसे पहले एयर चीफ मार्शल एपी सिंह, नौसेना प्रमुख दिनेश के त्रिपाठी और सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी प्रधानमंत्री को अपनी तैयारियों और चुनौतियों की जानकारी दे चुके हैं।

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