India: भारत ने इजराइल से 10 कृषि उत्पादों के लिए बाजार पहुंच की मदद मांगी

India: भारत ने कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनके इजराइली समकक्ष ए.वी. डिचर के बीच मंगलवार को यहां द्विपक्षीय बैठक के दौरान इजराइल से 10 कृषि वस्तुओं के लिए बाजार पहुंच प्रदान करने का अनुरोध किया है। भारत जिन उत्पादों के लिए बाजार पहुंच चाहता है, उनमें प्याज, आलू, लहसुन, हरी मिर्च, हल्दी, अनानास, आम, अनार, अंगूर और भिंडी के बीज शामिल हैं।

बैठक के बाद डिचर ने कहा, “हमने कार्य समूह बनाकर और गेहूं के लिए बीज में सुधार और दूसरे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करके समझौते को कार्रवाई योग्य मदों में बदलने का फैसला किया है। दिन-प्रतिदिन के व्यापार पर हम दोनों प्लांट प्रोटेक्शन इंडियन इज़राइल सर्विसेज (पीपीआईएस) से संवाद करने जा रहे हैं ताकि ये तय किया जा सके कि हम एक तरफ से दूसरी तरफ माल की शिपमेंट बढ़ाने में सक्षम होंगे।”

दोनों देशों ने कृषि में सहयोग बढ़ाने के लिए एक द्विपक्षीय समझौते पर भी हस्ताक्षर किए, जिसमें 2025-26 के लिए कार्य योजना पर चर्चा की गई। सूत्रों के अनुसार भारत ने इजरायल को प्याज और हरी मिर्च के निर्यात में विशेष रुचि दिखाई और जल्द ही तकनीकी जानकारी भेजेगा। भारत ने इजरायल से प्रक्रिया में तेजी लाने और जल्द से जल्द दूसरे आठ वस्तुओं के लिए बाजार पहुंच प्रदान करने की भी अपील की।

जलवायु-अनुकूल बीज विकसित करने और किसानों के लिए बीज की गुणवत्ता में सुधार के लिए इजरायली एजेंसी माशाव के साथ अनुसंधान और विकास गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए एक रोडमैप विकसित करने के लिए संयुक्त कार्य समूह का गठन किया जाएगा।

कृषि मंत्री चौहान ने कहा कि “विशेषकर कृषि के क्षेत्र में सेंटर ऑफ एक्सिलेंस इजराइल के सहयोग से भारत में हम चला रहे हैं। 35 सेंटर ऑफ एक्सिसेंट कार्यरत हैं। अभी जो चर्चा हुई है, उसमें सेंटर ऑफ एक्सिलेंस में जो नए प्रयोग होते हैं। नई रिसर्च होती है। वो रिसर्च हमारे किसानों तक जल्दी पहुंचे और एक्सटेंशन वर्कर के माध्यम से गांव-गांव तक पहुंचा पहुंचाएं। इस पर हम काम कर रहे हैं।”

बैठक से पहले इज़राइली प्रतिनिधिमंडल ने भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान परिसर का दौरा किया, जहां उन्होंने अनुसंधान एवं विकास पर भारत-इज़राइल परियोजना और 1996 में बनाई गई प्रदर्शन फार्मों के बारे में जानकारी ली।

इज़राइल कृषि और खाद्य सुरक्षा मंत्री एवी डिचर ने कहा कि “हमने कार्य समूह बनाकर और गेहूं के लिए बीज में सुधार और दूसरे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करके समझौते को कार्रवाई योग्य मदों में बदलने का फैसला किया है। दिन-प्रतिदिन के व्यापार पर हम दोनों प्लांट प्रोटेक्शन इंडियन इज़राइल सर्विसेज (पीपीआईएस) से संवाद करने जा रहे हैं ताकि ये तय किया जा सके कि हम एक तरफ से दूसरी तरफ माल की शिपमेंट बढ़ाने में सक्षम होंगे।”

इसके साथ ही कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि “विशेषकर कृषि के क्षेत्र में सेंटर ऑफ एक्सिलेंस इजराइल के सहयोग से भारत में हम चला रहे हैं। 35 सेंटर ऑफ एक्सिसेंट कार्यरत हैं। अभी जो चर्चा हुई है, उसमें सेंटर ऑफ एक्सिलेंस में जो नए प्रयोग होते हैं। नई रिसर्च होती है। वो रिसर्च हमारे किसानों तक जल्दी पहुंचे और एक्सटेंशन वर्कर के माध्यम से गांव-गांव तक पहुंचा पहुंचाएं। इस पर हम काम कर रहे हैं।”

 

 

 

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