Independence Day: स्वतंत्रता दिवस का जश्न गणतंत्र दिवस से किस तरह अलग है

Independence Day: स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस भारत के लिए दो सबसे खास दिन हैं, स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को मनाया जाता है, जो ब्रिटिश शासन से आजादी का प्रतीक है। वहीं गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को भारत के संविधान को अपनाने और 1950 में देश के गणतंत्र में बदलाव के दिन के तौर पर मनाया जाता है।

भारत इस साल अपना 78वां स्वतंत्रता दिवस “विकसित भारत” थीम के साथ मनाएगा, परंपरा के मुताबिक दोनों दिन अलग-अलग तरीके से मनाए जाते हैं, इन दोनों दिनों को मनाने के तरीकों और उनकी अहमियत में कुछ अंतरों को समझें। दिल्ली विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर विवेकानंद नरतम ने बताया कि परंपरा के मुताबिक स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या यानी एक दिन पहले, 14 अगस्त को, भारत के राष्ट्रपति टेलीविजन पर राष्ट्र के नाम संबोधन देते हैं, हर साल 15 अगस्त की सुबह प्रधानमंत्री दिल्ली के लाल किले पर झंडा फहराते हैं और इसकी प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हैं।

राष्ट्रगान खास तौर से राष्ट्रीय ध्वज फहराते वक्त बजाया जाता है और मुख्य कार्यक्रम का देश भर में प्रसारण होता है, अक्सर पूरे दिन देशभक्ति के कार्यक्रम होते हैं, जिनमें स्वतंत्रता, राष्ट्रवाद और देशभक्ति की भावना पर जोर दिया जाता है।

स्वतंत्रता दिवस से अलग, गणतंत्र दिवस के मुख्य समारोह में दिल्ली के कर्तव्य पथ पर परेड होती है, जिसमें राष्ट्रपति झंडा फहराते हैं। इस कार्यक्रम में भारत की सांस्कृतिक और सामाजिक विरासत की झलक पेश की जाती है। साथ ही भारतीय सेना, भारतीय नौसेना और भारतीय वायु सेना की टुकड़ियां की परेड और एयर शो भी होता है।

कर्तव्य पथ पर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सांस्कृतिक, क्षेत्रीय और तकनीकी खासियत की झलक पेश करने वाली झांकी भी निकाली जाती है। इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए विदेशी राष्ट्राध्यक्षों को न्योता दिया जाता है। आमतौर पर गणतंत्र दिवस पर अलग-अलग कैटेगरी में नागरिक और सैन्य पुरस्कार भी दिए जाते हैं। अलग-अलग भाषाओं में कमेंट्री के साथ मुख्य कार्यक्रम का देश भर में प्रसारण होता है, साथ ही राष्ट्रीय एकता, अखंडता और संवैधानिक मूल्यों पर जोर दिया जाता है।

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