ICAI: देश में ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (GCCs) की संख्या अगले दो वर्षों में 5,000 से अधिक हो सकती है। यह कहना है इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) के अध्यक्ष चरणजोत सिंह नंदा का।
ICAI अध्यक्ष ने कहा कि भारत GCCs के लिए एक आकर्षक जगह बन चुका है। उन्होंने बताया कि फिलहाल देश में 1,700 से ज्यादा GCCs हैं और इनमें लगभग 80,000 चार्टर्ड अकाउंटेंट्स कार्यरत हैं।
उन्होंने कहा, “GCCs से चार्टर्ड अकाउंटेंट्स को बड़ा लाभ मिलेगा क्योंकि ये केंद्र विभिन्न प्रकार की सेवाएं प्रदान करते हैं।”
नंदा ने बताया कि GCCs की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए ICAI ने अपने सदस्यों के लिए कई अपस्किलिंग (कौशल विकास) पहल शुरू की हैं। वर्तमान में ICAI के चार लाख से अधिक सदस्य हैं।
नंदा ने बताया कि टैक्स ऑडिट की 60 की सीमा पहले से लागू है, लेकिन एक अप्रैल 2026 से चार्टर्ड अकाउंटेंट्स पार्टनर्स के लिए भी ऑडिट कर सकेंगे।
उन्होंने कहा, “UDIN (यूनिक डॉक्यूमेंट आइडेंटिफिकेशन नंबर) के माध्यम से हम हर चीज़ पर नियंत्रण रख रहे हैं और गड़बड़ियों पर रोक लगाने की दिशा में लगातार काम कर रहे हैं।”
आईसीएआई अध्यक्ष चरणजोत सिंह नंदा ने कहा कि “चार्टर्ड अकाउंटेंट संस्थान अपने सदस्यों को समझाने के लिए उत्सुक है और एक बार जब उनके पास तकनीकी ज्ञान और विशेषज्ञता होगी तो प्रेरणा अंततः उन्हें मूल्य बनाने के लिए ले जाएगी। आप आने वाले समय में देखेंगे कि चार्टर्ड अकाउंटेंट जीसीसी बना रहे हैं और बना रहे हैं। तो यह हमारा आदर्श वाक्य है। कितने संस्थान बना सकते हैं। यह एक, दो, तीन, चार, दस बना सकता है। हम चाहते हैं कि हमारे हजारों सदस्य हजारों जीसीसी बनाएं और भारत को विकास के नए पायदान पर ले जाएं।”