Heatwave: अप्रैल के महीने में उत्तर भारत में गर्मी का कहर, राहत के आसार नहीं

Heatwave:  गर्मी का सीजन शुरू होते ही उत्तर भारत में गर्मी का कहर टूटने लगा है। अप्रैल के महीने में ही दिन में गर्मी इतनी बढ़ गई है लोगों को लोगों को अपने रोजमर्रा के काम निपटाने में दिक्कत हो रही है। राजस्थान के बाड़मेर में अप्रैल के पहले सप्ताह में तापमान 45.6 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। अप्रैल के महीने में इतनी गर्मी ने पुराने रिकॉर्ड को तोड़ दिया है।

तापमान बढ़ने के साथ ही स्थानीय स्वास्थ्य विभाग ने हीटवेव से जुड़ी आपात स्थितियों से निपटने के लिए तैयारियां तेज कर दी हैं। हीटस्ट्रोक के मरीजों के लिए खास तौर पर एयर-कूल्ड वार्ड में 10 बेड रिजर्व कर दिए गए हैं।बाड़मेर के अधीक्षक मेडिकल कॉलेज अस्पताल डॉ. बी. एल. मंसूरिया ने कहा कि “गर्मी थोड़ी बढ़ गई है, इसके मद्देनजर पुख्ता व्यवस्था कर रखी है। सभी इमरजेंसी एसी लगा दिए गए हैं और बर्फ वगैरह जो रखनी होती है वो सब रख दी है।”

अभी से इतनी गर्मी पड़ने की वजह से लोग घर से बाहर निकलने से बच रहे हैं। जो लोग बाहर निकल रहे हैं, वे अक्सर ठंडक और तरोताजा रहने के लिए शिकंजी जैसे ठंडे पेय का सहारा ले रहे हैं, लोगों को इस बात की भी चिंता है कि अभी से ये हाल है तो आने वाले दिनों में और क्या होगा। “दिनचर्या तो अस्तव्यस्त हो गई है। निकलना दुर्भर हो गया है घर से। कम जो पहले घंटों हुआ करता था वो अब कम हो जाएगा। गर्मी का असर बहुत ज्यादा हो रहा है। पिछले दो-तीन दिनों से बहुत ही ज्यादा गर्मी पड़ रही है।जरूरी कम हो तो ही घर से बाहर निकलते हैं, वरना सुबह और शाम को ही घर से निकलते हैं।”

बाड़मेर के पड़ोसी जिले जैसलमेर में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना हुआ है, लोग चिलचिलाती धूप से बचने के लिए खुद को ढकते हुए और भीषण गर्मी से निपटने के लिए पानी और दूसरी ड्रिंक्स पीते नजर आ रहे हैं। सोनपाल सिंह, स्थानीय, जैसलमेर “जैसलमेर में गर्मी का असर बहुत ज्यादा पड़ रहा है। परेशानी गर्मी से ज्यादा है और यहां पर दोपहर 12 बजे से लेकर चार बजे तक तो बहुत ज्यादा गर्मी पड़ती है।”

स्थानीय लोगों का कहना है कि “गर्मी बहुत ज्यादा है। गर्मी को देखते हुए प्रशासन भी कोई व्यवस्था करे, मतलब पानी का छिड़काव करे। बाकी जिलों को देखते हुए जैसलमेर का तापमान बहुत ज्यादा है। स्थानीय मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि आने वाले दिनों में उत्तरी राजस्थान में हल्की बारिश होने की उम्मीद है जिससे गर्मी से कुछ राहत मिल सकती है।

आईएमडी निदेशक राधेश्याम शर्मा ने कहा कि “ज्यादातर भागों में हीटवेव, कहीं-कहीं बहुत ज्यादा हीटवेव की पारिस्थिति पिछले दो दिनों से बनी हुई है। अभी भी अगले 48 घंटों के लिए तापमान में विशेष परिवर्तन नहीं होगा।” इसके साथ ही उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में भी खूब गर्मी पड़ रही है। जैसे-जैसे तापमान बढ़ता जा रहा है, लोग गर्मी से बचने के लिए छाते, ताजे फलों का जूस पीते और धूप का चश्मा पहने हुए दिखाई देने लगे हैं, स्थानीय लोगों का कहना है कि अभी से इतनी गर्मी असामान्य है। कई लोगों का मानना ​​है कि गर्मी उम्मीद से बहुत पहले आ गई है

स्थानीय निवासियों का कहना है कि “गर्मी तो हर साल बढ़ती जा रही है, आने वाले समय में तो यहां 50 डिग्री भी पार हो जाएगा तापमान। गर्मी में तो गर्मी ही पड़गी सर, लेकिन तापमान ज्यादा हो रहा है। ये सोचने वाली बात है, पहले इतनी गर्मी पड़ती नहीं थी।” ऑटो-रिक्शा चालकों जैसे रोजाना कमाने खाने वाले लोग किसी भी मौसम में बाहर निकलने के लिए मजबूर होते हैं। उनका कहना है कि बहुत ज्यादा गर्मी उनके काम पर असर डाल रही है जिससे उनकी कमाई भी प्रभावित हो रही है।

ऑटो चालक जसवंत सिंह ने कहा कि “इस समय दिन में इतनी गर्मी है कि पूछा मत, सब लोग परेशान हैं। पूरे देहरादून में जितनी पब्लिक है, जो भी सवारी बैठती है यही बोलती है कि इतनी गर्मी तो कभी नहीं पड़ी जितनी इस बार पड़ी है।” देहरादून के मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक ने कहा कि 11 अप्रैल के आसपास एक पश्चिमी विक्षोभ के कारण चल रही गर्मी से कुछ राहत मिल सकती है। तो आगे मैं कहूंगा कि जो अधिकतम तापमान है उसमें कमी आएगी थोड़ी, एक-दो डिग्री तक कमी आएगी। तो आप कह सकते हो कि सामान्य के आसपास आ जाएगा।”

भीषण गर्मी के चलते उत्तर प्रदेश सरकार ने अधिकारियों को पर्याप्त पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने, बिजली कटौती को कम करने और हीटवेव सावधानियों के बारे में जागरूकता फैलाने के निर्देश दिए हैं। प्रयागराज में, स्वास्थ्य विभाग ने हीटस्ट्रोक और डिहाइड्रेशन के मामलों के इलाज के लिए विशेष वार्ड और कोल्ड रूम तैयार कर लिए हैं।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण कुमार तिवारी ने बताया कि “हीटवेव के लिए हमारी तैयारी पूर्ण कर ली गई है। प्रत्येक सीएचसी पर एक कोल्ड रूम बनाया गया है ,जिसमें पर्याप्त संसाधन है, कानपुर में तापमान 40 डिग्री के पार चला गया है। सरकारी निर्देशों के बाद, बढ़ते तापमान से निपटने के लिए अस्पतालों और स्कूलों में खास इंतजाम किए गए हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ए. के. सिंह ने कहा कि “हमारे जो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हैं वहां पर बिस्तरों की व्यवस्था अलग से कर दी गई है।” राम दास, शिक्षक, प्राथमिक विद्यालय “यहां तो एक तो हमारे यहां बहुत छायादार पेड़-पौधे लगे हैं और सारे कमरों में पंखे हैं। लाइट नहीं रहती है तो इन्वर्टर खरीद लिया है।”

मध्य प्रदेश के इंदौर में, तापमान पहले ही 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है, पानी की कमी न हो जाए इसके लिए लोग नारियल पानी और गन्ने के रस का सहारा ले रहे हैं। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले कुछ दिनों तक गर्मी ऐसी ही पड़ती रहेगी हालांकि सप्ताह के अंत तक मौसम में बदलाव से कुछ राहत मिल सकती है। अप्रैल में देश के कई हिस्सों में सामान्य से ज्यादा तापमान और तीव्र लू चलने की वजह से मौसम और स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को जरूरी सावधानी बरतने की सलाह दी है।

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