H-1B visa: अमेरिका में काम करने के लिए आवश्यक एच-1बी वीजा के पात्र आवेदकों के लिए घरेलू वीजा नवीनीकरण की प्रक्रिया फिर से शुरू करने के लिए एक प्रस्ताव को व्हाइट हाउस की मंजूरी मिल गई है।इसके लिए एक पायलट कार्यक्रम शुरू किया गया है, जिसकी व्हाइट हाउस के तहत कार्यरत एक शीर्ष नियामक संस्था की तरफ से समीक्षा की गई थी। ये कदम अमेरिका में प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में काम कर रहे कई भारतीय प्रोफेशनल्स के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
एच-1बी वीजा एक गैर-आप्रवासी वीजा है जो अमेरिकी कंपनियों को विदेशी कामगारों को विशेष व्यवसायों में नियुक्त करने की अनुमति देता है जिनके लिए सैद्धांतिक या तकनीकी विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है। प्रौद्योगिकी क्षेत्र की कंपनियां भारत और चीन जैसे देशों से हर साल हजारों कर्मचारियों को नियुक्त करने के लिए इस वीजा और इससे संबंधित नियमों पर निर्भर हैं। एच-1बी वीजा के पात्र आवेदकों के लिए घरेलू नवीनीकरण की प्रक्रिया हेतु शुरू किया गया पायलट कार्यक्रम शुरू में 20,000 प्रतिभागियों तक सीमित होगा।
इस साल जून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान व्हाइट हाउस की तरफ से इस योजना की घोषणा के कुछ महीने बाद ये कदम उठाया गया है। पंद्रह दिसंबर को सूचना और नियामक मामलों के कार्यालय (ओआईआरए) की समीक्षा की तरफ से मंजूरी मिलने के बाद एच-1बी वीजा के पात्र आवेदकों को कार्य वीजा को नवीनीकृत करने के लिए विदेश यात्रा नहीं करनी होगी। ओआईआरए अमेरिकी राष्ट्रपति के कार्यकारी कार्यालय के भीतर प्रबंधन और बजट कार्यालय का एक वैधानिक हिस्सा है।