GST: जीएसटी सुधार से कैसे मजबूत होगी अर्थव्यवस्था

GST:  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेवा कर (जीएसटी) में सुधार के लिए एक बड़े प्रस्ताव की घोषणा की है, जिसे जीएसटी 2.0 कहा गया। मौजूदा पांच फीसदी, 12 फीसदी, 18 फीसदी और 28 पीसदी की जीएसटी कर दरों में सुधार करते हुए उनको पांच फीसदी और 18 फीसदी के दो टैक्स स्लैब से बदलने का प्रस्ताव है।

12 फीसदी टैक्स श्रेणी में आने वाली 99 फीसदी चीजें मसलन बटर, फ्रूट जूस और सूखे मेवे पांच फीसदी के टैक्स के दायरे में आ जाएंगे। इसी तरह, एसी, टीवी, फ्रिज और वाशिंग मशीन जैसी इलेक्ट्रॉनिक सामान और सीमेंट जैसी दूसरी चीजें, उन 90 फीसदी सामानों में शामिल होंगी, जो 28 फीसदी से 18 फीसदी के जीएसटी टैक्स श्रेणी में आ जाएंगी।

प्रधानमंत्री मोदी के अनुसार जीएसटी में इन सुधारों से गरीबों, मध्यम वर्ग के लोगों और कारोबारियों को फायदा होगा, साथ ही भारत की अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी।

कर विशेषज्ञ वेद जैन ने कहा कि “पहले से ही चार दरें हैं, अब कई दरों के कारण भ्रम की स्थिति का हवाला देते हुए ये मांग उठ रही है कि जीएसटी लागू करने का पूरा उद्देश्य ‘एक राष्ट्र एक कर था’, यानी कर की एक दर होनी चाहिए। अब जीएसटी परिषद इस मुद्दे पर विचार-विमर्श कर रही है। अगर एक नहीं, तो ये कि हम इन चार कर दरों का इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं।”

कर विशेषज्ञ शरद कोहली ने बताया कि “अभी जीएसटी की दरें 0%, 5%, 12%, 18%, 28% और कुछ और दरें हैं। मुझे लगता है कि 12% की दर को 5% और 18% के साथ एकीकृत किया जा सकता है। 12% की श्रेणी में अधिकतर वस्तुएं और ध्यान रहे कि ये दैनिक इस्तेमाल की वस्तुएं हैं, वे वस्तुएं जो संभवतः रसोई में इस्तेमाल की जाती हैं या रोजमर्रा में काम आती हैं। इनमें से अधिकतर वस्तुएं 5% श्रेणी में आ सकती हैं। 19% वस्तुएं 12% की श्रेणी में आती हैं, यदि उनमें से अधिकांश 5% की श्रेणी में आ जाएं और कुछ 18% की श्रेणी में आ जाएं, तो मुझे लगता है कि इससे उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी, क्योंकि कीमतें सस्ती हो जाएंगी।”

सूत्रों का कहना है कि तंबाकू, पान मसाला और ऑनलाइन गेमिंग जैसी चीजों पर 40 फीसदी की टैक्स श्रेणी लागू होगी। सरकार को आशा है कि ऐसा करने से शुरुआत में राजस्व में गिरावट आ सकती है। हालांकि,उसे उम्मीद भी है कि टैक्स की कम दरों से उपभोग को बढ़ावा मिलेगा और वक्त के साथ इस कमी की भरपाई हो जाएगी, जीएसटी परिषद त्योहारों के सीजन से पहले अपनी अगली बैठक में इस प्रस्ताव पर चर्चा करके उसे अंतिम रूप देगी।

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