Gold price: सोने की कीमत आसमान छू रही है। कीमत देख कर न सिर्फ व्यापारी, जौहरी और जानकार, बल्कि सोना के खरीदार भी हैरान हैं, सोने की कीमत प्रति 10 ग्राम एक लाख रुपये से कुछ ही कम है। दरअसल सोने की कीमत शायद ही गिरती है। अमूमन ये चढ़ती ही है, लेकिन इस बार कीमत तेजी से चढ़ी है। खास कर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के आयात पर नए टैरिफ के ऐलान के बाद, जो लगभग हर देश के लिए है।
दिल्ली समेत देश भर के जौहरियों को शिकायत है कि शादी के मौसम के बावजूद बिक्री कम हो रही है। गहनों का व्यापारी टेकचंद मोदी ने कहा कि “काफी मार्केट में डाउनफॉल आ गया है। व्यापारी व्यापार के बाजार में है नहीं। व्यापारियों को, सबको बहुत प्रॉबप्लम हो रही है। भाव का इतना फ्लक्चुएशन हो गया है कि व्हाइट में, नंबर 2 में भाव का डिफरेंस पांच-पांच, छह-छह लाख रुपये पर केजी हो गया। ज्यादा टाइम व्यापार करने में बहुत असमर्थ हो रहे हैं, अब बिल्कुल व्यापार हमारा चौपट हो रहा है।”
कपिल खंडेलवाल, मालिक महालक्ष्मी ज्वैलर्स “यह पिछले 10 दिन के अंदर सोना सात-आठ हजार रुपये बढ़ गया है। थोड़ी शादियों का टाइम भी चल रहा है। तो कस्टमर तो रुक गया। बाकी अगले मंथ से शायद काम चलना चालू हो जाएगा, क्योंकि आगे-आगे सोना महंगा ही हो सकता है। घटने के चांस कम लग रहे हैं। हमारा बिजनेस पे प्राइस के हिसाब से 30 से 40 परसेंट कम हुआ है व्यापार।”
सोने की कीमत में इजाफा की मुख्य वजह अमेरिकी डॉलर का कमजोर होना है। इससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था में मंदी की भी आशंका है। दुनिया भर के निवेशक दूसरी परिसंपत्तियों के मुकाबले सोने को स्थिर मानते हैं। उन्हें उम्मीद रहती है कि सोने की मांग हमेशा बढ़ेगी, लिहाजा कीमत भी बढ़ेगी। जानकारों के मुताबिक दुनिया भर के केंद्रीय बैंक भी सोने की खरीद कर रहे हैं, ताकि आशंकित वैश्विक मंदी का सामना किया जा सके। सोने के कारोबार से जुड़े लोग सोने की कीमतों में बड़ी गिरावट की संभावना नकारते रहे हैं। उनका कहना है कि वैश्विक मंदी की हालत में भी सोना सुरक्षित निवेश रहेगा।
उमेश अग्रवाल, मालिक, कशिश ज्वैलर्स “मैं सजेशन यही देना चाहता हूं, आपको जो भी अपना इंवेस्टमेंट करना है, धीरे-धीरे करते रहें, क्योंकि लॉन्ग टाइम चांदी-सोने में तेजी है। मंदी की नहीं सोचें वो। मैं आपको बता दूं, अगर मंदा भी आएगा, तो जैसे सोने में है। आज 96 का भाव है। तो 96, 92 हो जाएगा, 93 हो जाएगा। आप समझें कि मंदा लेके चलते हैं, मंदा नहीं है। हजार-दो हजार मंदे को मंदा नहीं कहते हैं। मंदा कहते हैं 10-5 हजार रुपये टूट जाए। लॉन्ग टाइम में आपको बता दूं, अगर आप लेंगे, जिस भी भाव में इंवेस्टमेंट करेंगे, आगे चलके उनको बेनिफिट ही होगा।”
उदित कुमार, मैनेजर, अनंत ज्वैलर्स “एक महीने में काफी फर्क आ गया है। उससे पहले बीच में जो न्यूज आई थी, रियूमर्स आए थे, कि 55,000 जाएगा, उसकी वजह से कस्टमर और ज्यादा रुक गया। उनको एक्सपेक्टेड है कि शायद 55,000 आ जाए। बट हमें नहीं लग रहा है ऐसा। क्योंकि जिस हिसाब से ट्रंप का ये वर्ल्ड वाइड इकोनॉमी चल रही है, उसके वजह से हमें नहीं लगता है ऐसा। इसका होना चाहिए करेक्शन तो 5-10 परसेंट आ जाए तो आ जाए। उससे ऊपर नहीं लग रहा।”
सोने की बढ़ती कीमतें और उसके चलते बाजार में उतार-चढ़ाव स्पष्ट रूप से मौजूदा आर्थिक माहौल में खरीदारों और विक्रेताओं दोनों के लिए मुश्किलें पैदा कर रहे हैं। वाणिज्य मंत्रालय के मुताबिक सोने की कीमत बढ़ने से मार्च में सोने का आयात 192.13 फीसदी बढ़कर 4.47 बिलियन डॉलर हो गया।