Goa: गोवा सरकार के बजट में दूरदराज के इलाकों में आतिथ्य क्षेत्र में निवेश के लिए खास प्रोत्साहन देने का प्रस्ताव है, उद्योग जगत ने बजट के इस प्रस्ताव की दिल खोल कर तारीफ की है। बजट के प्रस्ताव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पर्यटन और संतुलित क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देने के नजरिए के अनुरूप हैं। प्रस्ताव में मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने राज्य जीएसटी पर 50 फीसदी छूट के अलावा स्टैंप ड्यूटी, पंजीकरण और प्रसंस्करण की दूसरी प्रक्रियाओं पर भी छूट का ऐलान किया है।
बिचोलिम (बिचोली), सेंगेम (सांग्य), कैनाकोना (कणकोना), केपे, धारभंडोरा, पोंडा और सतरी जैसे कम विकसित तालुकाओं में तीन सितारा और उससे बेहतर होटल और मेडिकल टूरिज्म के अस्पताल बनाने के लिए प्रोत्साहन का प्रस्ताव है।
अब तक गोवा का टूरिज्म ज्यादातर समुद्र तटीय इलाकों तक ही सीमित था। उद्योग जगत को पर्यटन का दायरा बढ़ाने के प्रस्तावों में खासी दिलचस्पी है। इसके तहत सैलानी ग्रामीण पकवानों, हरे-भरे खेतों और कम लोकप्रिय, लेकिन खूबसूरत जगहों का लुत्फ उठा सकते हैं। प्रस्ताव में वन्यजीव अभयारण्यों, खेतों और इको-रिसॉर्ट्स के जरिये पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने का भी प्रावधान है। गोवा के अंदरूनी इलाकों की खूबसूरती सामने लाने के लिए काजू के बागानों से लेकर विरासत के गांवों और समृद्ध जैव विविधता को सामने लाने के प्रस्ताव हैं। इससे समुद्र तटीय इलाकों में पर्यटन का दबाव कम करने में मदद मिलेगी।
वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर गोवा की चमक लगातार बढ़ रही है, राज्य के दूरदराज इलाकों में पर्यटन विकास का प्रस्ताव रणनीतिक बदलाव की ओर इशारा करता है। ये विकास को स्थिरता के साथ संतुलित रखने और पर्यटन के फायदों को समुद्र तटीय इलाकों से परे फैलाने की कोशिश है।
डॉ. प्रमोद सावंत, मुख्यमंत्री, गोवा “राज्य के होटल और टूरिज्म सेक्टर में पर्यटन के बुनियादी ढांचों को बढ़ावा देने के लिए मैं करों में 50 फीसदी छूट का प्रस्ताव रखता हूं।”
गौरीश धौंड, अध्यक्ष, गोवा होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन “हमें लगता है कि पर्यटन से जुड़ी ज्यादा से ज्यादा गतिविधियां उभर कर सामने आ रही हैं। वे कम्पाल में पहले ही रोपवे बनाने का ऐलान कर चुके हैं। नए संग्रहालय बनाए गए हैं। अग्वाडा संग्रहालय बेहद अच्छे नतीजे दे रहा है।”
बांसुरी देसाई, मालिक, द इनाका गोवा रिसॉर्ट, गोवा “इससे न सिर्फ स्थानीय स्तर पर रोजगार के मौके बढ़ेंगे, बल्कि स्थानीय संस्कृति का संरक्षण और दूरदराज इलाकों में पर्यटन को भी प्रोत्साहन मिलेगा।”