Farmer: किसानों के लिए ब्याज सहायता योजना जारी रहेगी, मंत्रिमंडल की मंजूरी

Farmer: सरकार ने 2025-26 के लिए संशोधित ब्याज सहायता योजना (एमआईएसएस) को जारी रखने की मंजूरी दे दी, इसके तहत किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के माध्यम से सस्ती दर पर अल्पकालिक ऋण मिलता है।

सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि वित्त वर्ष 2025-26 के लिए एमआईएसएस को मौजूदा 1.5 प्रतिशत ब्याज सहायता के साथ जारी रखने का निर्णय मंत्रिमंडल द्वारा लिया गया। योजना को जारी रखने से सरकारी खजाने पर 15,640 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा, एमआईएसएस एक केंद्रीय क्षेत्र योजना है जिसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि केसीसी के माध्यम से सस्ती ब्याज दर पर किसानों को अल्पकालिक ऋण उपलब्ध हो।

एमआईएसएस के तहत किसानों को केसीसी के माध्यम से सात प्रतिशत की रियायती ब्याज दर पर तीन लाख रुपये तक का अल्पावधि ऋण मिलता है, जिसमें पात्र ऋण देने वाली संस्थाओं को 1.5 प्रतिशत ब्याज सहायता दी जाती है।

इसके अतिरिक्त समय पर कर्ज चुकाने वाले किसान, शीघ्र पुनर्भुगतान प्रोत्साहन (पीआरआई) के रूप में तीन प्रतिशत तक की प्रोत्साहन राशि के लिए पात्र होते हैं। इससे केसीसी ऋण पर उनकी ब्याज दर प्रभावी रूप से कम हो कर चार प्रतिशत रह जाती है। केवल पशुपालन या मत्स्य पालन के ऋण पर ब्याज लाभ दो लाख रुपये तक हो सकता है।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, योजना की संरचना या अन्य हिस्सों में कोई बदलाव प्रस्तावित नहीं किया गया है। देश में 7.75 करोड़ से अधिक केसीसी खाते हैं। केसीसी के माध्यम से संस्थागत ऋण वितरण 2014 के 4.26 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर दिसंबर, 2024 तक 10.05 लाख करोड़ रुपये हो गया। समग्र कृषि ऋण प्रवाह भी 2013-14 के 7.3 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2023-24 में 25.49 लाख करोड़ रुपये हो गया।

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि “केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ब्याज सहायता योजना को मंजूरी दे दी है। अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री रहते हुए किसान क्रेडिट कार्ड की शुरुआत की गई थी। इससे किसानों के लिए कार्यशील पूंजी प्राप्त करना बहुत आसान हो गया है… ब्याज सहायता योजना के माध्यम से कार्यशील पूंजी की लागत कम हो गई है। प्रभावी रूप से किसानों के लिए 4% ब्याज पर दो लाख रुपये तक का ऋण/पूंजी सुनिश्चित करने पर विचार किया गया है।”

 

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