Excise Policy case: दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (एएपी) के संयोजक अरविंद केजरीवाल के खिलाफ सुनवाई पर फिलहाल रोक लगाने से इनकार कर दिया।
केजरीवाल दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 से जुड़ी अनियमितताओं के मामले में आरोपी हैं, जस्टिस मनोज कुमार ओहरी ने केजरीवाल की उस याचिका पर जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय से जवाब मांगा जिसमें आरोपपत्र पर संज्ञान लिए जाने के निचली आदेश को चुनौती दी गई है। इस मामले की सुनवाई 20 दिसंबर को होगी।
केजरीवाल ने निचली अदालत के आदेश को खारिज करने का अनुरोध किया और दलील दी कि कथित अपराध के समय वे एक लोक सेवक थे ऐसे में विशेष अदालत ने उनके खिलाफ सुनवाई के लिए किसी मंजूरी के बिना आरोपपत्र पर संज्ञान लिया। हालांकि ईडी की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि केजरीवाल पर मुकदमा चलाने के लिए मंजूरी मिल गई है और वह हलफनामा दाखिल करेंगे।
जब अदालत ने शुरू में सुनवाई अगले साल के लिए निर्धारित की तो पूर्व मुख्यमंत्री ने सुनवाई के लिए जल्द तारीख निर्धारित करने का अनुरोध किया था और उनके वकील ने अनुरोध किया कि मामले की तात्कालिकता को देखते हुए स्थगन की उनकी याचिका पर आज ही आदेश पारित किया जाए। मेहता ने स्थगन आवेदन पर जवाब दाखिल करने का अनुरोध किया और कहा कि इस तरह का रुख अनुचित है। हाई कोर्ट ने कथित आबकारी घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अरविंद केजरीवाल को जारी समन को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर 12 नवंबर को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जवाब मांगा।
हाई कोर्ट ने आपराधिक मामले में फिलहाल निचली अदालत की सुनवाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हाई कोर्ट ने 12 जुलाई को केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी थी और सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के मामले में 13 सितंबर को उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया था।
सीबीआई और ईडी के मुताबिक आबकारी नीति को संशोधित करते समय अनियमितताएं की गईं और लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया, दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर 2021 को नीति लागू की और भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच सितंबर 2022 के आखिर तक इसे रद्द कर दिया।