DRDO: रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन यानी डीआरडीओ ने भारत के स्वदेशी पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर जेट, एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एएमसीए) के डिजाइन चरण को पूरा कर लिया है।
पिछले साल अप्रैल में सरकारी मंजूरी मिलने के साथ ही ये परियोजना अब 2028 के अंत तक अपनी पहली प्रोटोटाइप उड़ान की ओर आगे बढ़ रही है। अत्याधुनिक तकनीक से डिजाइन किए गए एएमसीए का लक्ष्य रूस के एसयू-57 और यूएसए के एफ-35 जैसे मौजूदा पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों को टक्कर देना है।
एडीए उप-परियोजना निदेशक शशि भूषण प्रसाद ने कहा कि “जो विमान मॉडल आप पीछे देख रहे हैं, वो हमारी विनिर्माण क्षमता को दिखा रहा है। हम उपयोगकर्ता की आवश्यकताओं के अनुसार जो डिजाइन चाहते थे, वो वायु सेना की आवश्यकताओं के अनुसार सामने आया है। हमें पांचवीं पीढ़ी के विमान, दो इंजन वाले सर्वश्रेष्ठ विमान बनाने थे। मेरा मतलब है कि एडी -57 के बराबर या आपने एफ -35 देखा है, ये उस विमान के बराबर है।”))
“इसमें स्टील्थ क्षमता है। इसे डायवर्टर, सुपरसोनिक इनटेक के साथ डिजाइन किया गया है। कई नई तकनीकों पर हमने काम किया है, जिसमें आंतरिक हथियार बे शामिल हैं, जिसमें एक ग्लास कॉकपिट है, जो सीमा से परे मिसाइल और हवा से हवा में और हवा से जमीन पर मार करने की क्षमता है। ये पूरी तरह से पांचवीं पीढ़ी का विमान है।”
एएमसीए ट्विन-इंजन, सिंगल-सीट स्टील्थ फाइटर है, जिसे हवाई श्रेष्ठता, स्ट्राइक मिशन और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध के लिए डिज़ाइन किया गया है, इसे डीआरडीओ की कई लैब और निजी क्षेत्र के उद्योगों के सहयोग से विकसित किया जा रहा है।
एएमसीए कार्यक्रम भारत के रक्षा विमानन क्षेत्र में एक बड़ी प्रगति है, जिसका उत्पादन अगले दशक में शुरू होने वाला है, उम्मीद है कि भारतीय वायु सेना अपनी लंबी आधुनिकीकरण रणनीति के तहत इस विमान को शामिल करेगी।