Diwali Muhurat: इस साल स्टॉक एक्सचेंज दोपहर में विशेष सत्र का करेगा आयोजन

Diwali Muhurat: दिवाली पर प्रतीकात्मक मुहूर्त ट्रेडिंग 1957 से भारत की शेयर बाजार परंपरा का हिस्सा रही है। तब बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज ने पहली बार इसे पेश किया था।

बदलते वक्त के साथ, यह शुभ अनुष्ठान सभी स्टॉक एक्सचेंजों में दिवाली की परंपरा बन गया। बाद में 1992 में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के गठन के बाद इसे अपनाया गया।

इस साल, बीएसई और एनएसई दोनों ही इस परंपरा में बदलाव कर रहे हैं। इस बार एक घंटे का मुहूर्त ट्रेडिंग सत्र शाम के समय के बजाय दोपहर एक बजकर 45 मिनट से दो बजकर 45 मिनट तक आयोजित किया जा रहा है। पिछले साल यह सत्र शाम छह बजे से सात बजे तक आयोजित किया गया था।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज प्रबंध निदेशक एवं सीईओ आशीष चौहान ने बताया कि “कभी-कभी, शाम के समय जो मुहूर्त अच्छे माने जाते हैं, वे बहुत देर रात होते हैं जिससे कई लोगों को असुविधा होती है। इसीलिए इस बार कई सालों बाद मुहूर्त ट्रेडिंग दोपहर में हो रही है, और यही वजह है…ज्यादातर ब्रोकर्स ने इसका स्वागत किया है क्योंकि वे भी शाम को अपने परिवार के साथ जश्न मनाना और पटाखे जलाना चाहते हैं, इसलिए उन्होंने कहा कि इसे भविष्य के लिए भी दोपहर में ही रखें। इसलिए हम इस पर विचार कर रहे हैं।”

मुहूर्त शब्द का मतलब ज्योतिषीय गणनाओं द्वारा निर्धारित शुभ समय से है। ऐसा माना जाता है कि यह नई शुरुआत में सफलता और समृद्धि लाता है। कई व्यापारी और निवेशक मुहूर्त सत्र में हिस्सा लेते हैं और इसे एक समृद्ध वित्तीय वर्ष की प्रतीकात्मक शुरुआत मानते हैं। इस दौरान कमाया छोटा-मोटा मुनाफा भी सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है।

मार्केट एक्सपर्ट शरद कोहली ने कहा कि शेयर बाजार में मुहूर्त ट्रेडिंग को शुभ माना जाता है। देश के कुछ हिस्सों में यह नए साल की शुरुआत के साथ भी मेल खाता है, यानी दिवाली के दिन को नए साल का हिस्सा माना जाता है। बहुत से लोग दिवाली के दिन से ही अपने बही-खाते शुरू करते हैं और उन पर स्वस्तिक का निशान बनाते हैं। औपचारिक रूप से, जैसा कि हम जानते हैं, एक अप्रैल से 31 मार्च तक भारत में वित्तीय वर्ष होता है। और इस बार मुहूर्त ट्रेडिंग दिन में हो रही है। आमतौर पर हम मुहूर्त ट्रेडिंग शाम को होते हुए देखते हैं।”

पांच दशकों से अधिक समय से चली आ रही यह परंपरा निवेशकों के लिए गहरा सांस्कृतिक और भावनात्मक महत्व रखती है। दिलचस्प बात यह है कि पिछले सात सालों से लगातार मुहूर्त सत्र सकारात्मक रुख के साथ बंद हुआ है। पिछले साल, इस सत्र के दौरान बीएसई सेंसेक्स 0.42 प्रतिशत या 335 अंक चढ़ा था।

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