Digital India: विदेश मंत्रालय के सचिव दम्मू रवि ने कहा कि भारत का डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर ग्लोबल साउथ में अहम भूमिका निभाएगा, मुंबई के जियो वर्ल्ड कन्वेंशन सेंटर में 28 से 30 अगस्त तक चल रहे ग्लोबल फिनटेक फेस्ट में रवि ने कहा कि अगले दशक में भारत की जेडीपी 10 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर होगी।
रवि ने कहा कि “ग्लोबल साउथ में मेरा मानना है कि भारत के डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के लिए भूमिका निभाने की बहुत गुंजाइश है क्योंकि ग्लोबल साउथ में बहुत सारी कमियां हैं। ऐसा नहीं है कि वहां टेक्नोलॉजी नहीं हैं, लेकिन मेरा मानना भारत के पास एक ऐसी तकनीक है जो कम लागत वाले समाधान के रूप में उपयोगी होगी, यह ग्लोबल साउथ के लिए उपयोगी होगी।”
उन्होंने उद्योग सहयोग और सरकारी समर्थन के महत्व के बारे में भी बताया कि “कभी-कभी उद्योग को मदद की ज़रूरत होती है और उन्हें उचित समर्थन, सुविधा और जागरूकता देने की आवश्यकता होती है और यही विदेशी कार्यालय और विदेशों में मिशनों की भूमिका है। हमारे राजदूत उद्योग का समर्थन करने के लिए हमेशा आगे रहते हैं।”
उन्होंने कहा कि “अगले दशक में हम फिनटेक के बारे में बात कर रहे हैं कि अगले दशक में आगे का रास्ता क्या है। इसलिए अगले दशक में भारत की जेडीपी 10 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर होगी। डीपीआई सेक्टर के अंदर फिनटेक टेक्नोलॉजी और सॉल्यूशन भारत को 10 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की जीडीपी के रास्ते पर आगे ले जाने में अहम भूमिका निभाएंगे।इसलिए मुझे लगता है कि हमें पूरा विश्वास है कि उद्योग इसके लिए अच्छी तरह से तैयार है।”
विदेश मंत्रालय सचिव दम्मू रवि ने कहा कि “ग्लोबल साउथ में मेरा मानना है कि भारत के डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के लिए भूमिका निभाने की बहुत गुंजाइश है क्योंकि ग्लोबल साउथ में बहुत सारी कमियां हैं। ऐसा नहीं है कि वहां टेक्नोलॉजी नहीं हैं, लेकिन मेरा मानना भारत के पास एक ऐसी तकनीक है जो कम लागत वाले समाधान के रूप में उपयोगी होगी। यह ग्लोबल साउथ के लिए उपयोगी होगी और मेरा ये भी मानना है कि ये विकसित देशों के लिए भी जरूरी है। लेकिन हमें उन देशों के अनुसार इसे अनुकूलित करने की आवश्यकता है, जिनकी उन्हें आवश्यकता है और वे इसका इस्तेमाल करते हैं। ये इंडस्ट्री के लिए भी एक बड़ा मौका है, अगर हम ऐसे मंच बना रहे हैं जो भारत और उन देशों के बीच परस्पर निर्भरता को और भी मजबूत बना रहे हैं और तब उद्योग को बड़ा फायदा होगा और जो देश टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हैं वो अपनी एफिशिएंसी के स्तर को बढ़ाएंगे।इससे आम आदमी को फायदा होगा। ये दोनों पक्षों के लिए जीत होगी है।”
इसके साथ ही कहा कि “कभी-कभी उद्योग को मदद की ज़रूरत होती है और उन्हें उचित समर्थन, सुविधा और जागरूकता देने की आवश्यकता होती है और यही विदेशी कार्यालय और विदेशों में मिशनों की भूमिका है। हमारे राजदूत उद्योग का समर्थन करने के लिए हमेशा आगे रहते हैं। अगले दशक में हम फिनटेक के बारे में बात कर रहे हैं कि अगले दशक में आगे का रास्ता क्या है। इसलिए अगले दशक में भारत की जेडीपी 10 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर होगी। डीपीआई सेक्टर के अंदर फिनटेक टेक्नोलॉजी और सॉल्यूशन भारत को 10 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की जीडीपी के रास्ते पर आगे ले जाने में अहम भूमिका निभाएंगे।इसलिए मुझे लगता है कि हमें पूरा विश्वास है कि उद्योग इसके लिए अच्छी तरह से तैयार है।”