Delhi: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को कहा कि संविधान गरीबों का सुरक्षा कवच है और लोगों से यह संकल्प लेने का आग्रह किया कि हम संविधान पर कोई हमला नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि इस पर किसी भी हमले के खिलाफ वह सबसे पहले खड़े होंगे।
संविधान दिवस पर, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने संविधान के मूल सिद्धांतों जैसे न्याय, समानता, स्वतंत्रता, आपसी भाईचारा, धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद की रक्षा की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने देश की एकता और अखंडता, प्रेम, भाईचारे और सद्भाव के लिए लोकतंत्र और संविधान की स्वतंत्रता को अक्षुण्ण रखने का संकल्प भी लिया।
संविधान दिवस के अवसर पर राहुल गांधी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “भारत का संविधान सिर्फ एक किताब नहीं, यह देश के हर नागरिक से किया गया एक पवित्र वादा है। वादा यह कि चाहे कोई किसी भी धर्म या जाति का हो, किसी भी क्षेत्र से आता हो, कोई भी भाषा बोलता हो, गरीब हो या अमीर, उसे समानता, सम्मान और न्याय मिलेगा।”
उन्होंने कहा कि संविधान गरीबों और वंचितों का सुरक्षा कवच है, उनकी शक्ति है और हर एक नागरिक की आवाज है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने इस बात पर जोर दिया कि जब तक संविधान सुरक्षित है, हर भारतीय के अधिकार सुरक्षित हैं।
राहुल गांधी ने कहा, “आइए, हम प्रण लें कि हम संविधान पर किसी भी तरह का आक्रमण नहीं होने देंगे। इसकी रक्षा करना मेरा कर्तव्य है और इस पर होने वाले हर प्रहार के सामने सबसे पहले खड़ा रहूंगा।” उन्होंने कहा, “आप सभी को संविधान दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। जय हिंद, जय संविधान।”
खरगे ने भी संविधान दिवस पर नागरिकों को बधाई दी और इस बात पर ज़ोर देते हुए बी.आर. आंबेडकर का हवाला दिया कि संविधान जीवन जीने का एक तरीका है। खरगे ने एक्स पर लिखा, “हम संविधान सभा के सभी महान नेताओं के अमूल्य योगदान को याद करते हैं। महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, मौलाना आजाद, राजेंद्र प्रसाद, सरोजिनी नायडू और बाबा साहेब आंबेडकर जैसे अनगिनत राष्ट्रीय नेताओं ने नए भारत के निर्माण में अहम भूमिका निभाई।”
उन्होंने कहा, “आज हमें संविधान के मूलभूत सिद्धांतों – न्याय, समानता, स्वतंत्रता, आपसी भाईचारा, धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद की रक्षा करने की सबसे अधिक आवश्यकता है।” खरगे ने कहा, “आज संविधान दिवस पर, हम एक बार फिर देश की एकता व अखंडता, प्रेम, भाईचारे और सद्भाव के लिए लोकतंत्र और संविधान की स्वतंत्रता को बनाए रखने का संकल्प लेते हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि 2015 से संविधान दिवस 26 नवंबर को इसलिए मनाया जाता है, क्योंकि इसी दिन 1949 को संविधान सभा ने भारत के संविधान को अपनाया था।