CNG price: गैस कंपनियों के मुताबिक मुंबई और देश के कई शहरों में सीएनजी की कीमत दो रुपये प्रति किलोग्राम बढ़ा दी गई है, लेकिन चुनावी राज्य दिल्ली को फिलहाल बढ़ोतरी से छूट दी गई है। ऑटोमोबाइल के लिए सीएनजी की खुदरा बिक्री करने वाले और राष्ट्रीय राजधानी और आसपास के शहरों में खाना पकाने के लिए घरेलू रसोई में प्राकृतिक गैस पहुंचाने वाली इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड ने सीएनजी की कीमत दो रुपये प्रति किलोग्राम बढ़ा दी है।
दिल्ली से सटो नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और दूसरे शहरों में कीमतें बढ़ाई गई हैं, लेकिन दिल्ली बच गई है। यहां कुछ समय बाद चुनाव होना है। एमजीएल वेबसाइट के मुताबिक चुनाव नजदीक आने के साथ, मुंबई सिटी गैस रिटेलर, महानगर गैस लिमिटेड (एमजीएल) ने मुंबई और आसपास के इलाकों में सीएनजी की कीमतों में 2 रुपये प्रति किलोग्राम की बढ़ोतरी की है।
एमजीएल और अडाणी टोटल गैस लिमिटेड जैसे शहरों में खुदरा गैस बेचने वालों ने ने इनपुट लागत में 20 प्रतिशत की वृद्धि के बावजूद पिछले दो महीनों से खुदरा कीमतों में बदलाव नहीं किया था। जैसे ही महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव संपन्न हुए, एमजीएल ने 22 नवंबर से मुंबई में सीएनजी की कीमतें दो रुपये प्रति किलोग्राम बढ़ाकर 77 रुपये कर दी।
शहर के दूसरे खुदरा गैस बेचने वालों ने भी सीएनजी की कीमतें बढ़ा दी हैं। आईजीएल वेबसाइट के मुताबिक दिल्ली में सीएनजी दरें 75.09 रुपये प्रति किलोग्राम पर हैं, जबकि 23 नवंबर से नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में कीमतें दो रुपये प्रति किलोग्राम बढ़कर 81 रुपये 70 पैसे और गुरुग्राम में 82 रुपये 12 पैसे प्रति किलोग्राम हो गई हैं।
जब उत्तर प्रदेश में 2022 में चुनाव होने वाले थे, तो आईजीएल ने दिल्ली में कीमतों में बदलाव किया था, लेकिन यूपी में नहीं। उद्योग सूत्रों ने कहा कि जनवरी/फरवरी में होने वाले विधानसभा चुनावों के बाद दिल्ली में सीएनजी की कीमतें बढ़ सकती हैं। एमजीएल और आईजीएल ने बढ़ोतरी की वजह नहीं बताई, लेकिन सूत्रों ने कहा कि बढ़ोतरी जरूरी थी, क्योंकि विनियमित या एपीएम गैस की आपूर्ति में लगातार दो दौर की कटौती के बाद कंपनियों को महंगी गैस खरीदनी पड़ रही है।
जमीन और समुद्र तल से निकाली गई प्राकृतिक गैस को ऑटोमोबाइल चलाने के लिए सीएनजी में बदला जाता है, लेकिन ओएनजीसी के घरेलू क्षेत्रों से आपूर्ति, जिसे एपीएम गैस कहा जाता है, सीएनजी की मांग के अनुरूप नहीं है। सितंबर के मध्य से आपूर्ति में दो बार कटौती की गई है, जिससे शहर के गैस खुदरा विक्रेताओं को महंगी गैर-एपीएम गैस या महंगी आयातित तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) खरीदनी पड़ रहा है। वैट जैसे स्थानीय करों के आधार पर सीएनजी दरें अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग होती हैं।