CBSE: CBSE यानी केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने 2026 से 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार आयोजित करने से जुड़ी एक ड्राफ्ट पॉलिसी तैयार की है। ड्राफ्ट पॉलिसी को सार्वजनिक मंच पर डाला जाएगा और हितधारक नौ मार्च तक अपनी राय दे सकते हैं, जिसके बाद नीति को अंतिम रूप दे दिया जाएगा। इस ड्राफ्ट पॉलिसी के मुताबिक 10वीं कक्षा के छात्रों के पास एक शैक्षणिक सत्र में दो बार CBSE बोर्ड परीक्षा में बैठने का विकल्प होगा- एक बार फरवरी में और फिर मई में।
अगर छात्र चाहें तो उनके पास दोनों परीक्षाओं में शामिल होने का विकल्प भी होगा। इसके अलावा अगर छात्र पहली परीक्षा में हासिल किए अंकों से संतुष्ट हैं तो उन्हें दूसरे प्रयास में विशिष्ट विषयों को छोड़ने की इजाजत दी जाएगी। ड्राफ्ट पॉलिसी मई सत्र को एकमात्र सुधार विंडो के रूप में पेश कर पूरक परीक्षाओं को खत्म कर देती है।
व्यावहारिक मूल्यांकन सिर्फ सालाना रूप से कराया जाएगा और परीक्षा की पूरी मार्कशीट मई महीने के बाद जारी की जाएंगी। कुछ विशेषज्ञों के मुताबिक नए सिस्टम के तहत 11वीं और 12वीं क्लास के लिए स्ट्रीम सेलेक्शन ज्यादा समावेशी हो जाएगा। छात्रों को उनकी चुनी हुई स्ट्रीम प्रोविजनल तौर से दी जाएगी, भले ही वे परीक्षा के पहले दौर में ग्रेड जरूरतों को पूरा न करते हों।
कुछ विशेषज्ञ छात्रों पर शैक्षणिक दबाव कम होने की संभावना जता रहे हैं तो कई का मानना है कि प्रस्तावित नई प्रणाली से स्कूलों पर रिजल्ट को लेकर प्रशासनिक तनाव बढ़ेगा। ड्राफ्ट पॉलिसी गाइडलाइंस के मुताबिक परीक्षा का पहला चरण 17 फरवरी से छह मार्च तक जबकि दूसरा चरण पांच मई से 20 मई तक आयोजित किया जाएगा। दोनों परीक्षाओं में पूरा पाठ्यक्रम कवर किया जाएगा।