CBSE: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की 10वीं और 12वीं कक्षाओं की बोर्ड परीक्षाएं शुरू हो गई और देश-विदेश में 7,800 से अधिक केंद्रों पर 42 लाख से अधिक छात्र इसमें शामिल होंगे। बोर्ड अधिकारियों के मुताबिक, 10वीं कक्षा के कुल 24.12 लाख छात्र 84 विषयों की परीक्षा देंगे, जबकि 17.88 लाख से अधिक छात्र 120 विषयों में 12वीं कक्षा की परीक्षा देंगे। परीक्षाएं भारत में 7,842 केंद्रों और विदेशों में 26 केंद्रों पर हो रही हैं।
सीबीएसई बोर्ड परीक्षा के पहले दिन, कक्षा 10 के छात्रों ने अंग्रेजी (संचार) और अंग्रेजी (भाषा और साहित्य) की परीक्षा दी जबकि 12वीं कक्षा के छात्रों ने उद्यमिता की परीक्षा दी। कक्षा 10 की परीक्षाएं 18 मार्च को और कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षाएं चार अप्रैल को समाप्त होंगी।
सीबीएसई ने बोर्ड परीक्षाओं से पहले अपनी वार्षिक ‘काउंसलिंग’ सेवा भी शुरू की है, ताकि छात्रों में परीक्षा से संबंधित तनाव को कम किया जा सके। बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सीबीएसई से संबद्ध विद्यालयों के 66 प्रशिक्षित पेशेवर प्रधानाध्यापकों, काउंसलर, विशेष शिक्षकों और मनोवैज्ञानिकों की एक टीम छात्रों को स्वैच्छिक सहायता प्रदान करेगी।
यह सेवाएं सोमवार से शनिवार तक सुबह साढ़े नौ बजे से शाम साढ़े पांच बजे के बीच उपलब्ध हैं, उन्होंने कहा कि 51 परामर्शदाता भारत में हैं, जबकि 15 परामर्शदाता नेपाल, जापान, कतर, ओमान और संयुक्त अरब अमीरात से छात्रों का मार्गदर्शन करने के लिए जुड़ेंगे।
सीबीएसई एग्जाम कंट्रोरल डॉ. संयम भारद्वाज ने कहा कि “सीबीएसई की जो बोर्ड की परीक्षाएं हैं वो दोनों कक्षाओं की कक्षा 10 और कक्षा 12वीं की प्रारंभ हुई है। आज कक्षा 10 का इंग्लिश का और कक्षा 12 का एंटरप्रेन्योरशिप का एग्जाम था। कक्षा 10 में जो हमारी परीक्षा थी वो लगभग 7,780 परीक्षा केंद्रों पर हुई, जिसमें कि लगभग 23 लाख 86 हजार से ज्यादा बच्चे बैठे। उसके अलावा जो क्लास 12 के परीक्षा थी वो 995 परीक्षा केंद्रों पर आयोजित हुई। जिसमें लगभग 23 हजार के करीब बच्चे बैठे। सभी लोग समय पर पहुंच पाए सभी लोग परीक्षा में बैठ पाए हैं।”
छात्र “पाठ्यक्रम से अलग आया था, तो हमारे पास दो ही ऑप्शन बचे थे तो उन्होंने कंफर्म भी नहीं किया कि आपको मार्क्स मिलेंगे या नहीं, मिलेंगे। पर पेपर ईजी था इस बार। थोड़ा सा लंबा था, लेकिन लास्ट मिनट तक लिखते रहे थे। सीबीएसई ने इस बार रूल भी चेंज किया करा है, हमारे पास सबके पास सेम सेट था और सेम कोड था, पेपर इतना लेंथी नहीं था, 10 प्रश्न ही थे, जिसकी स्पीड सबसे अच्छी वो 15 मिनट पहले करके अपना रिविजन भी कर सकता था।”
“सीबीएसई ने एक चैप्टर डिलीट कर दिया तब भी आउट-ऑफ-सिलेबस का प्रश्न आ रहा था। उस चैप्टर से का एक उद्धरण आया और पता भी नहीं है और कोई टीचर भी करेक्शन नहीं है, कुछ भी नहीं है। बहुत ज्यादा परेशानी हो रही थी, लेकिन इसमें एक विकल्प था। हमने विकल्प के कारण ऐसा किया, क्योंकि हमें तीन में से दो करने थे। तो ये बहुत बड़ा नुकसान होता, और सीबीएसई को इस पर ध्यान देना चाहिए क्योंकि ये एक बड़ी गलती है।”