Bengaluru: बेंगलुरू स्पेस एक्सपो 2024 का आठवां एडिशन बेंगलुरू अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी केंद्र यानी बीआईईसी में शुरू हो गया है, तीन दिवसीय कार्यक्रम में एक अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी और स्पेस से संबंधित मुद्दों पर एक सम्मेलन होना है, इसमें भविष्य में तकनीक को रफ्तार और विस्तार पर चर्चा होगी।
इस प्रदर्शनी में 10 देशों के मंडपों के साथ 250 से ज्यादा अंतरिक्ष कंपनियां, 10,000 बिजनेस विजिटर्स और 250 रिप्रजेंटेटिव भाग ले रहे हैं, इस साल के कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण इसरो की भविष्य की योजनाओं का प्रजेंटेशन है, इस कार्यक्रम का एक और सेंटर पॉइंट चंद्रयान-फोर है। फिहलाल इस पर रिसर्च का काम चल रहा है लेकिन इसे 2027 तक लॉन्च करने की पूरी उम्मीद है।
इसरो के महत्वाकांक्षी गगनयान मिशन, भारत के मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम को भी इस प्रदर्शनी में दिखाया जा रहा है, इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को लो अर्थ ऑर्बिट में भेजना और उन्हें सुरक्षित वापस लाना है।
आईटी मंत्री प्रियांक खरगे ने बताया कि “यह बेंगलुरु स्पेस एक्सपो का आठवां एडिशन है और प्रदर्शकों की संख्या, स्टार्टअप की संख्या और यहां आने वाले एसएमई की संख्या अभूतपूर्व है। मुझे नहीं लगता कि आप ऐसी संख्या और इतनी रुचि देख सकते हैं देश में कहीं भी अंतरिक्ष और गहरे अंतरिक्ष में ये उस पारिस्थितिकी तंत्र के बारे में बहुत कुछ बताता है जिसे कर्नाटक ने बढ़ावा दिया है।”
एयरोस्पेस इंजीनियर एस. उन्नीकृष्णन नायर ने कहा कि “चंद्रयान-फोर चंद्रमा से सैंपल वापस लाने के लिए है और चंद्रयान-थ्री वहां गया था और एक सोफ्ट लैंडिंग की थी, (चंद्रयान -फोर) सैंपल कलेक्ट किए और इसे वापस लाया। चंद्रमा की ग्रेविटी से बचकर और फिर पृथ्वी की ग्रेविटी में प्रवेश किया। पृथ्वी के वायुमंडल में पुनः प्रवेश करना और फिर सैंपल को वापस प्राप्त करने के लिए सॉफ्ट लैंडिंग करना ये बहुत ही महत्वपूर्ण तकनीक है, जिस तकनीक की हमें चंद्रमा पर इंसानों को भेजने और उन्हें सुरक्षित वापस लाने के लिए भी जरूरत होती है।”