Attari Border: भारत ने पाकिस्तान के साथ राजनयिक संबंधों को कम करते हुए कई बड़े फैसलों का ऐलान किया है। इनमें पाकिस्तानी सैन्य अटाचे को निष्कासित करना, 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित करना और पाकिस्तान से लगने वाले अटारी बॉर्डर को तुरंत बंद करना शामिल है। ये कदम पहलगाम आतंकी हमले से पाकिस्तान के जुड़े तारों को देखते हुए उठाया गया है, हमले में 26 लोग मारे गए थे।
पाकिस्तान जाने का वीजा हासिल कर चुके कई भारतीयों को पता ही नहीं था कि अटारी बॉर्डर को तुरंत बंद करने का आदेश दिया गया है। वे गुरुवार सुबह अटारी सीमा चौकी पहुंच चुके थे।
दूसरी ओर, कई पाकिस्तानी नागरिक भी अपने देश लौटने के लिए सीमा पर पहुंचे। भारत ने बुधवार को घोषणा की थी कि पाकिस्तानी नागरिकों को अब सार्क वीज़ा छूट योजना के तहत भारत की यात्रा करने की इजाजत नहीं दी जाएगी और पहले जारी किए गए ऐसे सभी वीज़ा रद्द माने जाएंगे।
वैध प्रमाण-पत्र के साथ अटारी सीमा पार करने वाले पाकिस्तानी नागरिकों को एक मई से पहले उसी रास्ते से वापस लौटने का निर्देश दिया गया है।
वापस लौट रहे पाकिस्तानी नागरिकों का कहना है कि पहलगाम में जो कुछ हुआ वो गलत था। हालांकि वे हैरान हैं कि उन सभी को वापस लौटने के लिए क्यों कहा जा रहा है।
पहलगाम आतंकी हमले के एक दिन बाद बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति ने पाकिस्तान के खिलाफ पांच बड़े फैसले लिए।
इसमें तत्काल प्रभाव से अटारी इंटिग्रेटेड बॉर्डर चेकपोस्ट को बंद करना भी शामिल था, इतना ही नहीं भारत ने ये भी ऐलान किया है कि एक मई 2025 तक दोनों देशों के उच्चायोगों के कुल कर्मचारियों की संख्या को 55 से घटाकर 30 किया जाएगा।
नई जवाबी कार्रवाइयों ने दोनों पक्षों के बीच मौजूद कुछ राजनयिक तंत्रों को बंद कर दिया है, जिससे द्विपक्षीय संबंध और निचले स्तर पर पहुंच गए हैं, अटारी एकीकृत चेक पोस्ट भारत और पाकिस्तान के बीच एकमात्र चालू भूमि सीमा है।