Arunachal Pradesh: अरुणाचल प्रदेश में लगातार बारिश के बाद कई जगहों पर भूस्खलन और बाढ़ जैसे हालात है। इससे लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। अधिकारियों के मुताबिक राज्य की सभी प्रमुख नदियां उफान पर हैं और खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
पूर्वी कामेंग जिले के मुख्यालय सेप्पा में कई घर उफनती कामेंग नदी के तेज बहाव में बह गए हैं। हालांकि किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है, राज्य की राजधानी ईटानगर के डिवीजन फोर इलाके में हुए भूस्खलन में कई इमारतों को नुकसान पहुंचा है। वहीं कोलोरियांग के विधायक पानी ताराम ने बताया कि रविवार को इलाके में बना कुरुंग पुल, पानी में बह गया, जिससे जिले का संपर्क टूट गया है।
अधिकारियों ने बताया कि नामसाई जिले और लोहित जिले के वाकरो सर्कल के लिए बाढ़ की चेतावनी जारी की गई, क्योंकि सभी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, नामसाई और वाकरो के गांवों पर बाढ़ का असर पड़ा है। उनके मुताबिक लोगों को अलर्ट रहने और सभी एहतियाती कदम उठाने की सलाह दी गई है।
अधिकारियों ने बताया कि लोगों को नदियों के आस-पास के इलाकों में न जाने की सलाह दी गई है, पूर्वी सियांग जिले में सियांग नदी, उसकी सहायक नदियां और दूसरी नदियों में पानी का लेवल लगातार बढ़ रहा है। लगातार बारिश की वजह से पासीघाट-यिंगकिओंग और पासीघाट-आलो हाईवे पर भूस्खलन हुआ, जिससे आने-जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने बताया कि पूर्वी सियांग के पासीघाट, रुक्सिन, मिरेम और बिलाट के निचले इलाकों और निचले सियांग जिले के कुछ हिस्से पानी में डूब गए हैं, मौसम मुरकोंगसेलेक-पासीघाट रेलवे लाइन पर चल रहे काम की वजह से भी रूकावट देखने को मिल रही है।
मौसम विभाग ने चांगलांग, नामसाई, लोहित, लोअर दिबांग घाटी, पूर्वी सियांग और लोअर सियांग जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। इन सभी जिलों में अगले दो दिनों में भारी से बहुत भारी बारिश का अनुमान है। मौसम के हालात को देखते हुए ईटानगर और आस-पास के इलाकों के सभी स्कूलों को पांच दिनों के लिए बंद कर दिया गया है।
डिप्टी कमिशनर श्वेता नागरकोटी मेहता ने कहा कि “अगर जरूरी नहीं है तो ज्यादा बाहर न निकले काम के लिए भी अगर वो जाते हैं तो पहले ही रूट्स पता कर लें और डीडीएमओ का हमारे और या मेरा भी नंबर पब्लिक के लिए अवेलेबल है। अगर कोई भी जानकारी प्राप्त करनी है। अपनी सेफ्टी को प्रायोरिटी दें। जिन लोगों के भी घर नाले के पास या नदी के पास हैं, जहां पर पानी का लेवल बढ़ रहा है उनको यही रिक्वेस्ट है कि वो लोग वहां से शिफ्ट हो जाए, अपने रिश्तेदारों के घर चल जाए, किसी सुरक्षित जगह पर चले जाए और अगर उनके आस-पास कोई रिश्तेदार नहीं हैं तो वो हमको रिचआउट कर सकते हैं। हमारे रिलीफ कैंप में हम उनको रखेंगे और पैनिक होना नहीं है क्योंकि जिला प्रशासन पूरी तरह से तैयार है।”