Anantnag Encounter: जम्मू-कश्मीर में सेना के तीन जाबांजों की शहादत की कहानी, सेना का सर्च ऑपरेशन जारी

Anantnag Encounter: जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में आज आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ में देश ने सेना के तीन जाबांज जवान खो दिए. इनमें एक मेजर, एक कर्नल और एक डीएसपी का नाम शामिल है. सुरक्षाबलों को कोकरनाग जिले में जवानों पर हमले के साजिशकर्ता आतंकवादियों के छिपे होने की सूचना मिली थी, एक टीम ने मौके पर पहुंच कर घेराबंदी की. इस बीच दोनों तरफ से तोबड़तोड़ फायरिंग शुरू हो गई और सेना के राष्ट्रीय राइफल्स यूनिट के कमांडिंग (कर्नल) ऑफिसर मनप्रीत सिंह, कंपनी कमांडर (मेजर) आशीष धोंचक और एक जम्मू कश्मीर पुलिस में डीएसपी हुमायू भट्ट शहीद हो गए.

बताया जा रहा है कि सेना को खुफिया सूत्रों से आतंकवादियों के मूवमेंट की सूचना मिली थी. उसके बाद घेराबंदी कर प्लान बनाया गया था और आधिकारियों के नेतृत्व में जवान आगे बढ़ रहे थे. जैसे ही सेना की टीम ऊंचाई वाली जगह पर पहुंची तो पहले से छिपे आतंकियों ने गोलीबारी शुरू कर दी, जिसमें कर्नल की मौके पर मौत हो गई, जबकि अन्य दो अधिकारियों को गोली लगी. जहां उन्हें अस्पताल ले जाते वक्त उन्होंने रास्ते में दम तोड़ दिया. इस हमले की जिम्मेदारी द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) नें ली है. प्रतिबंधित रेजिस्टेंस फ्रंट को पाकिस्तान के लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा आतंकी संगठन माना जाता है.

अधिकारियों के मुताबिक, यह वही आतंकवादियों का समूह है, जिसने 4 अगस्त को कुलगाम जिले के हलाण वन क्षेत्र के ऊंचे इलाकों में सेना के जवानों पर हमला किया था, जिसमें तीन जवान शहीद हो गए थे. गैरोल इलाके में आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन मंगलवार शाम को शुरू हुआ था, लेकिन रात में इसे बंद कर दिया गया था. मंगलवार सुबह आतंकवादियों की फिर से तलाश शुरू हुई. सूचना मिली थी कि एक ठिकाने पर आतंकियों को देखा गया है. कर्नल सिंह ने आगे से अपनी टीम का नेतृत्व किया और आतंकियों पर हमला बोल दिया. हालांकि, आतंकियों की गोली से वो गंभीर रूप से घायल हो गए.

Anantnag Encounter:  Anantnag Encounter:

इस पूरे ऑपरेशन की जिम्मेदारी कर्नल मनप्रीत सिंह पर थी. वो बतौर कमांडिंग अफसर 19 RR की बागडोर संभाले थे. कर्नल मनप्रीत सिंह को 2021 में वीरता के लिए सेना पदक से सम्मानित किया गया था. जबकि आशीष धोंचक को कुछ समय पहले 15 अगस्त को वीरता के लिए सेना पदक से सम्मानित किया गया था. पुलिस आधिकारी हुमायूं भट्ट के पिता जम्मू-कश्मीर पुलिस में आईजी पद से रिटायर्ड है.

मनप्रीत का परिवार पंचकुला सेक्टर 26 में रहता है. कर्नल मनप्रीत के भाई वीरेंद्र गिल ने बताया कि, ऑफिसर की पत्नी जगमीत कौर अभी उनकी मौत से अनजान है. जगमीत हरियाणा के सरकारी स्कूल में अध्यापक है. कर्नल सिंह के परिवार में उनकी पत्नी, एक 6 साल का बेटा और 2 साल की बेटी है. फिलहाल जगमीत अपने माता-पिता के साथ रह रही है.

मेजर आशीष धोनैक हरियाण के पानीपत जिले के रहने वाले थे. वो मूल रूप से बिंझौल गांव के रहने वाले थे. हालांकि अभी उनका परिवार पानीपत के सेक्टर-7 में रहता है. आशीष, तीन बहनों के इकलौते भाई है. उनकी 2 साल की बेटी है. 2 साल पहले उनकी पोस्टिंग मेरठ से जम्मू में हुई थी.

Anantnag Encounter:  डीएसपी हुमायूं भट की 2 महीने की बेटी है. जम्मू-कश्मीर पुलिस के रिटायर्ड आईजी गुलाम हसन भट के बेटे हुमायूं भट को बहुत ज्यादा खून बहने की वजह से बचाया नहीं जा सका. डीएसपी हुमायूं भट के पिता गुलाम हसन भट आईजी की पोस्ट से रिटायर हुए हैं. डीएसपी हुमायूं का भट के शव को बडगाम के हुम्हामा में बुधवार देर रात सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया. हालांकि वह पुलवामा जिले के रहने वाले थे, लेकिन काफी समय से हुम्हामा में रह रहे थे. यह हमला जम्मू क्षेत्र के राजौरी में पीर पंजाल के दक्षिण में गोलीबारी में सेना के एक जवान और सेना के डॉग यूनिट की लैब्राडोर केंट की मौत के एक दिन बाद हुआ है. वहीं सुदूर गांव में दो आतंकवादी मारे गए है.

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