MP News: मध्यप्रदेश के सतना स्थित जिला अस्पताल में थैलेसीमिया से पीड़ित चार बच्चे कथित तौर पर एचआईवी संक्रमित रक्त (ब्लड ट्रांसफ्यूजन) चढ़ाए जाने से इस लाइलाज बीमारी के शिकार हो गए हैं। अधिकारी के मुताबिक यह मामला चार महीने पुराना है और इसकी जांच की जा रही है लेकिन अब तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि बच्चों में संक्रमण कैसे फैला। हालांकि अधिकारियों ने इसके पीछे संक्रमित सुई के इस्तेमाल या ब्लड ट्रांसफ्यूजन की आशंका जताई है।
मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ला ने भोपाल में संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने मामले की जांच के आदेश दिए हैं और रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने कहा, ‘‘इस बात की भी जांच की जा रही है कि यह ब्लड ट्रांसफ्यूजन सरकारी अस्पताल के अलावा किसी अन्य अस्पताल में तो नहीं हुआ था।’’
पीड़ित बच्चों की उम्र 12 से 15 वर्ष के बीच है और इन्हें अस्पताल के ब्लड बैंक से खून चढ़ाया जाता था। सरदार वल्लभ भाई पटेल जिला चिकित्सालय के ब्लड बैंक के प्रभारी देवेंद्र पटेल ने कहा कि चार बच्चे एचआईवी से संक्रमित पाए गए हैं और यह जांच की जा रही है कि वे कैसे संक्रमित हुए।
उन्होंने कहा, “या तो संक्रमित सुई का इस्तेमाल हुआ है या फिर ब्लड ट्रांसफ्यूजन हुआ हो। यही दो मूल कारण मुझे लगते हैं। ब्लड ट्रांसफ्यूजन की संभावना अधिक लग रही है।” उन्होंने कहा कि सभी बच्चे थैलेसीमिया से पीड़ित हैं और इनमें किसी को 80 तो किसी को सौ बार खून चढ़ाया गया है। पीड़ित बच्चों में से एक के परिजन ने बताया कि करीब चार महीने पहले ही उनका बच्चा नियमित जांच के दौरान एचआईवी से संक्रमित पाया गया था और उसे इसकी दवाइयां भी दी जा रही हैं लेकिन उसका कोई फायदा नहीं हो रहा है।
उन्होंने कहा कि एचआईवी के लिए दी गई दवाइयों के सेवन के बाद उनका बच्चा उल्टियां करने लगता है, फिर सुस्त पड़ जाता है और बीमार हो जाता है। परिजन ने कहा कि उनके बच्चे के साथ ही तीन अन्य बच्चे भी एचआईवी संक्रमित पाए गए हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों में एचआईवी संक्रमण की पुष्टि के बाद सभी परिजनों की भी जांच कराई गई और सभी की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई।
इस मामले के सामने आने के बाद कांग्रेस ने स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ला का इस्तीफा मांगा है। विधायक और पूर्व कृषि मंत्री सचिन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में लगातार ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं। उन्होंने कहा कि छिंदवाड़ा में जहरीले कफ सिरप का मामला सामने आया, उसके बाद इंदौर और सतना के अस्पतालों में चूहों के काटने की घटनाएं सामने आईं और अब बच्चों को एचआईवी संक्रमित खून चढ़ा दिया गया।
यादव ने कहा, “स्वास्थ्य मंत्री से यह महकमा नहीं संभल रहा है। उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। सतना की घटना के लिए जिम्मेदार लोगों पर हत्या का मामला दर्ज होना चाहिए।” कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व सांसद सज्जन सिंह वर्मा ने इसे सरकार की असफलता करार दिया और कहा कि मोहन यादव की सरकार का जमीनी हकीकत से कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने कहा, “कहीं अस्पताल में चूहे घूम रहे हैं तो कहीं बच्चों को एचआईवी वाला ब्लड चढ़ा दिया जा रहा है। एचआईवी रोकने की जगह आप एचआईवी फैला रहे हैं। मोहन यादव को नींद से जाग जाना चाहिए। बच्चे देश की धरोहर हैं, उनका ध्यान रखा जाना चाहिए।”