MP News: मध्य प्रदेश की व्यावसायिक राजधानी के नाम से मशहूर इंदौर में सोमवार को ‘नो कार डे’ मनाया गया। ये पहल वायु प्रदूषण और यातायात की भीड़ से निपटने के लिए थी। इंदौर को केंद्र सरकार के स्वच्छ सर्वेक्षण पहल के तहत देश के सबसे साफ शहर का दर्जा मिला हुआ है। फिर भी वो गाड़ियों की बढ़ती संख्या और वायु गुणवत्ता की समस्या से जूझ रहा है।
कई लोगों ने इस पहल की तारीफ की। उन्होंने माना कि इससे वायु प्रदूषण कम करने में मदद मिलेगी। साथ ही उन्होंने कार का इस्तेमाल कम करने की अपील की। इंदौर प्रशासन ने बताया कि सड़कों पर कारों की संख्या कम होने से ईंधन की रोजाना खपत में करीब 80,000 लीटर की कमी आई है।
कई लोगों ने इस कदम को सकारात्मक रूप में देखा, लेकिन कुछ लोगों ने इसपर चिंता भी जताई। उन्होंने कहा कि इसका बुरा असर वैसे लोगों पर पड़ेगा, जो आजीविका के लिए ड्राइविंग पर निर्भर हैं। लोगों ने बताया कि बारिश और नवरात्रि शुरू होने की वजह से दोपहर बाद बड़ी संख्या में कारें सड़कों पर उतरीं। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक शहर में रोजाना चार लाख से ज्यादा कारें चलती हैं।