Madhya Pradesh: पन्ना टाइगर रिजर्व से एक बाघिन को शिवपुरी जिले के माधव राष्ट्रीय उद्यान में सफलतापूर्वक स्थानांतरित कर दिया गया। मध्य प्रदेश के नौवें टाइगर रिजर्व के रूप में नामित इस पार्क का उद्घाटन मुख्यमंत्री मोहन यादव ने किया और इसके साथ ही यह देश का 58वां टाइगर रिजर्व बन गया।
पन्ना टाइगर रिजर्व के अधिकारियों ने बताया कि 2009 में बाघों के सफल आवंटन ने एक बार बाघविहीन पार्क को फिर से बहाल कर दिया है। बढ़ती आबादी के साथ, बाघों को अब नए स्थापित संरक्षित क्षेत्रों में संख्या बढ़ाने में मदद करने के लिए दूसरे टाइगर रिजर्व में भेजा जा रहा है।
बाघिन का सफल स्थानांतरण पन्ना टाइगर रिजर्व और माधव टाइगर रिजर्व की टीमों के संयुक्त प्रयास से हो पाया। बाघिन का स्थानांतरण वन्यजीव संरक्षण में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसका उद्देश्य संरक्षित क्षेत्रों में बाघों की आबादी का प्रबंधन करना और मध्य प्रदेश के अभ्यारण्यों में आनुवंशिक विविधता को बढ़ावा देना है।
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण और भारतीय वन्यजीव संस्थान की तरफ से जारी की गई एक रिपोर्ट के मुताबिक देश की कुल संख्या में सबसे ज्यादा 785 बाघ मध्य प्रदेश में हैं। उसके बाद कर्नाटक में 563 और उत्तराखंड में 560 बाघ हैं।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, “हमारे चंबल क्षेत्र के लिए माधव टाइगर अभयारण्य के नाते से ये एक नवा हमारे मध्य प्रदेश का गौरवशाली, स्वर्णिम इतिहास का पृष्ठ जुड़ा है, जहां बाघ पुनर्स्थापन का एक बड़ा प्रयोग हुआ है। अतीत के काल में 12-15 टाइगर पहले छोड़े गए थे, धीरे-धीरे वो लुप्त हो गए लेकिन भारत सरकार के सभी मापदंडों के अनुसार, ये मध्य प्रदेश का नवां टाइगर रिजर्व पार्क खासकर के भारत सरकार का 58वां पार्क बना है। आज के इस अवसर पर हमें इस बात की प्रसन्नता है।”