Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान में हाल ही में जंगली कुत्तों का एक दुर्लभ झुंड देखा गया है, जिससे वन्यजीव प्रेमियों में खुशी की लहर दौड़ गई है। इन कुत्तों को स्थानीय भाषा में ‘सोन कुत्ता’ या ‘ढोल’ कहा जाता है, जो अपनी सुनहरी-लालिमा लिए फर के कारण पहचाने जाते हैं ।
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पनपथा क्षेत्र में वनकर्मियों ने इस झुंड को एक तालाब के पास पानी पीते हुए देखा। वन्यजीव विशेषज्ञों के अनुसार, जंगली कुत्तों का यह झुंड शिकार में माहिर होता है और समूह में शिकार करने की अपनी रणनीति के लिए जाना जाता है। यह प्रजाति अपनी सामाजिक संरचना और समूह में शिकार करने की क्षमता के लिए प्रसिद्ध है।
वन्यजीव प्रेमियों के लिए यह दृश्य विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि बांधवगढ़ में जंगली कुत्तों की संख्या सीमित है और उनकी उपस्थिति स्वस्थ पारिस्थितिकी तंत्र का संकेत है। वन्यजीव विशेषज्ञों का मानना है कि इन कुत्तों का दिखना यह दर्शाता है कि जंगल में पानी और शिकार की पर्याप्तता है, जो पारिस्थितिकी तंत्र की स्थिरता को दर्शाता है ।
बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान मध्य प्रदेश के उमरिया जिले में स्थित है और यह राज्य के सभी उद्यानों में सबसे अधिक बाघों की संख्या के लिए प्रसिद्ध है । यह उद्यान वन्यजीव प्रेमियों और शोधकर्ताओं के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल है, जो जैव विविधता और पारिस्थितिकी तंत्र के अध्ययन में रुचि रखते हैं। इस दुर्लभ दृश्य ने वन्यजीव संरक्षण की दिशा में सकारात्मक संकेत दिए हैं और यह दर्शाता है कि बांधवगढ़ में वन्यजीवों का संरक्षण और पारिस्थितिकी तंत्र की स्थिरता सुनिश्चित करने के प्रयास सफल हो रहे हैं।