Madhya Pradesh: कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में जलाशयों की लगातार निगरानी, वन्य जीवों को हर वक्त पानी उपलब्ध कराने की कोशिश

Madhya Pradesh: बढ़ती गर्मी को देखते हुए मध्य प्रदेश के कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में वन्य जीवों के लिए खास बंदोबस्त किए गए हैं, मांडला जिले में उद्यान न सिर्फ कुदरती खूबसूरती, बल्कि जानवरों को गर्मी से बचाने के आधुनिक उपायों के लिए भी जाना जाता है।

जानवरों और चिड़ियों की प्यास बुझाने के लिए उद्यान के अधिकारियों ने कई कृत्रिम जलाशय बनाए हैं, यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि हर जलाशय में हर वक्त पानी भरा रहे।

रेंजर आकाश जैन ने कहा कि “वन्य प्राणियों के लिए, पानी की व्यवस्था के लिए कान्हा टाइगर रिजर्व में जगह-जगह तालाब बने हुए हैं। स्थाई बांध हैं। इसके अलावा सोर्सेज के माध्यम से भी वन्य प्राणियों के लिए पानी उपलब्ध कराया जाता है।”

इन जलाशयों में हिरण, बाघ, बंदर और कई जानवरों को प्यास बुझाते देखा गया। अधिकारियों ने बताया कि वे मैपिंग तकनीक के जरिये 500 से ज्यादा प्राकृतिक और कृत्रिम जलाशयों पर नजर रखते हैं। जिस जलाशय में पानी की कमी होती है, वहां फौरन टैंकर या दूसरे माध्यम से पानी की आपूर्ति की जाती है।

फील्ड डायरेक्टर रविंद्र मणि त्रिपाठी ने कहा कि “इस बार हमने एक अभिनव प्रयोग भी किया था कि जो हमारे पूरे तालाब के जो प्राकृतिक और जो कृत्रिम स्रोत हैं, लगभग 345 प्राकृतिक स्रोत हैं और 350 के आसपास हमारे कृत्रिम स्रोत हैं, जिनकी हमने मैप में मार्किंग की थी। पिछले महीने हम हफ्ते के अंतराल में निगरानी करते थे। अब चूंकि गर्मी बढ़ गई है तो हम हर दो दिन में, तीन दिन में उनकी निगरानी कर रहे हैं। और मैप देख के और फोटोग्राफ प्राप्त करके जहां भी पानी की उपलब्धता कम होती है, तो हम सोलर पंप के माध्यम से, पाइप के माध्यम से या हमारे टैंकर के माध्यम से पानी उसमें रिचार्ज कराते हैं।”

मई महीने में गर्मी और बढ़ने की संभावना है, उद्यान के अधिकारी लगातार नजर रखे हुए हैं कि जंगली जानवरों को किसी तरह की परेशानी न हो और प्राकृतिक संतुलन बना रहे।

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