Madhya Pradesh: कान्हा टाइगर रिजर्व के किसली रेंज का बाघ जूनियर बजरंग (टी-118) दूसरे बाघ से लड़ाई के बाद घायल हो गया। वन कर्मचारियों ने टी-118 को लंगड़ाते हुए देखा, जिसके बाद उन्होंने फौरन एक्शन लेते हुए रेंज अधिकारी रवींद्र मणि त्रिपाठी की अगुवाई में एक विशेष टीम का गठन किया। टीम में उप निदेशक, सहायक निदेशक बंजार, कान्हा रेंज अधिकारी और बचाव दल के सदस्यों ने फौरन जूनियर बजरंग (टी-118)को चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध कराई।
वन्यजीव चिकित्सकों ने बाघ को बेहोश करने और चोटों की जांच की। जांच में पता चला कि चोटें दूसरे बाघ से लड़ाई के दौरान लगी थीं। पशु चिकित्सकों ने मौके पर जूनियर बजरंग (टी-118) का प्राथमिक उपचार किया। करीब आठ साल का टी-118 बाघ पर्यटकों के बीच खासा लोकप्रिय है और इसे अक्सर किसली रेंज में देखा जाता है। वन विभाग के अधिकारियों ने उपचार के बाद उसे सुरक्षित जंगल में वापस भेज दिया। फिलहाल एक गश्ती दल उसके स्वास्थ्य, व्यवहार और शिकार से जुड़ी गतिविधियों पर बारीकी से नजर रख रहा है।
कान्हा टाइगर रिजर्व के उप-निदेशक पुनीत गोयल ने कहा, “एक ये जो मेल टाइगर है टी-118, जिसकी उम्र लगभग आठ वर्ष है। तो ये कान्हा रेंज में रहता है और कान्हा रेंज में कुछ दिन पहले पाया गया कि ये लंगड़ा कर चल रहा है तो उसके पैर में कुछ इंजरी थी तो जो कि सतत रूप से टाइगर्स के साथ वाइल्ड एरिया में होता रहता है क्योंकि आपस में इनकी फाइट होती रहती है। तो हम इसको शुरूआत में मॉनिटर कर रहे थे कि ये अपने आप हील हो जाएगा।
फिर कुछ दिन में ये पाया गया कि इसको एक-आध चोट और लग गई है तो इसका निर्णय लिया गया कि इसका परीक्षण हम अच्छे से कर लें। इसलिए इसको कल टेंक्रोलाइज करके कान्हा रेंज में ही स्वास्थ्य परीक्षण वेटनरी डॉक्टर द्वारा किया गया है और उसमें ये क्लीयर कल साइन मिले हैं कि उसमें दूसरे टाइगर के बाइट मार्क्स हैं। जिससे स्पष्ट है कि फाइट से ही उसे चोट लगी है।”