Jabalpur: मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में यूरिया और डीएपी खाद की कालाबाजारी का खुलासा हुआ है, औचक निरीक्षण के बाद पता चला कि किसानों के लिए फर्टिलाइजर खुले बाजार में बेचे जा रहे थे, जिसके बाद एफआईआर दर्ज की गई। औचक निरीक्षण एसडीओ इंदिरा त्रिपाठी और वरीय प्रखंड कृषि पदाधिकारी मेघा अग्रवाल ने किया, जांच के दौरान उन्हें फर्टिलाइजरों का भारी मात्रा में स्टॉक गायब मिला। बरखेड़ा और भरतपुर सूखा न्याय समिति में निरीक्षण हुआ।
पुलिस के अनुसार मामले में तीन आरोपित हैं, जिनकी पहचान नन्हे लाल और अनीश मिश्रा, जो समिति प्रभारी थे, और शाखा प्रबंधक राकेश नंदेसरिया के रूप में हुई, चरगांवा थाने में दर्ज एफआईआर में कुल 10.5 लाख रुपये के गबन का जिक्र है, दो आरोपित अभी फरार हैं।
अभिषेक प्यासी, थाना प्रभारी चरगवां “उन्होंने 23 तारीख को इनकी टीम के द्वारा बरखेड़ा समिति और भरतपुर सूखा न्याय समिति पर औचक निरीक्षण किया गया था, जिसमें जो स्टॉक मशीन इनकी पीओएस मशीन में दिख रहा था उसके हिसाब से और वहां का भौतिक सत्यापन में माल में कमी पाई गई थी। जिसके संबंध में मैंने क्लेक्टर साहब से फॉरवर्ड करा के जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया था उसमें एफआईआर की गई है। इसमें कुल तीन आरोपी है जिसमें नन्हेलाल और अनीष मिश्रा ये यहां के समिति प्रभारी थे और यहां का शाखा प्रंबधक है राकेश नंदेसरिया तो इनके विरुद्ध वीएनएस के तहत एफआईआर कराई गई। जिसमें कुल साढ़े 10 लाख का गबन है ये। डीएपी और यूरिया के संबंध में और जो उर्वरक किसानों को दी जानी थी वो दूसरों को बेच दी है। इसमें दो आरोपी नामजादा आरोपी फरार है। बाकी जांच की जा रही है इसमें।”