Indore: मध्य प्रदेश के इंदौर के जिला प्रशासन ने कैल्शियम कार्बाइड से चलने वाली देशी बंदूक के कारण बढ़ती दुर्घटनाओं के मद्देनजर इस खतरनाक खिलौने पर प्रतिबंध लगा दिया। अधिकारियों ने बताया कि स्थानीय पुलिस ने एक अलग आदेश जारी करके कार्बाइड गन के साथ रील बनाने और इसे सोशल मीडिया पर डालने पर भी पाबंदी लगा दी है।
जिलाधिकारी शिवम वर्मा ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत जारी आदेश में कहा,‘‘अवैध तौर पर तैयार कार्बाइड गन से आम जन के स्वास्थ्य और पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। लिहाजा इसका निर्माण, भंडारण, क्रय-विक्रय, वितरण, प्रदर्शन और इसे चलाना पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगा।’’
शहर के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त राजेश दंडोतिया ने बताया,‘‘पुलिस ने न केवल कार्बाइड गन की खरीद-फरोख्त और इसके इस्तेमाल के खिलाफ प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है, बल्कि इस बंदूक के साथ रील बनाने और ऐसी रील को सोशल मीडिया पर डालने पर भी कानूनी पाबंदी लगा दी है।’’
उन्होंने बताया कि पुलिस आयुक्त संतोष कुमार सिंह ने इस आशय का प्रतिबंधात्मक जारी करके शहर के सभी थाना प्रभारियों को निर्देशित किया है कि वे इसका सख्ती से पालन सुनिश्चित कराएं। अधिकारियों ने बताया कि कार्बाइड गन को लेकर प्रशासन और पुलिस के प्रतिबंधात्मक आदेशों के उल्लंघन पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 के तहत प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।
उन्होंने बताया कि इस कानूनी प्रावधान के तहत दोषी को एक वर्ष तक के कारावास या 5,000 रुपये तक के जुर्माने या दोनों सजाओं से दण्डित किया जा सकता है, इस बीच इंदौर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. माधव प्रसाद हासानी ने बताया कि दीपावली के त्योहार के आस-पास शहर के अलग-अलग अस्पतालों में ऐसे 31 मरीज आए जिनकी आंखें कार्बाइड गन से जुड़ी दुर्घटनाओं में गंभीर तौर पर चोटिल हो गई थीं।
उन्होंने बताया कि इनमें मध्यप्रदेश के इंदौर, देवास, आगर-मालवा, सीहोर, शाजापुर, खंडवा, खरगोन और राजगढ़ जिलों के मरीजों के साथ ही झारखंड का एक रोगी शामिल है।
हासानी ने बताया कि कार्बाइड गन से जुड़ी दुर्घटनाओं में घायल मरीजों की उम्र तीन से 31 साल के बीच है और इनमें ज्यादातर बच्चे हैं, दुर्घटनाओं के चलते इंदौर से पहले भोपाल और ग्वालियर जिलों में भी कार्बाइड गन पर पाबंदी लगाई जा चुकी है।