Indore: इंदौर की बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (बीआरटीएस) परियोजना से जुड़ी तुर्किये की एक कंपनी स्थानीय प्रशासन की जांच के दायरे में आ गई है और इस पर ठेका रद्द होने की तलवार लटक रही है।
शहर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने बताया कि ‘‘मुझे पता चला है कि शहर के बीआरटीएस गलियारे की बसों से सफर करने वाले यात्रियों के टिकट काटकर राजस्व जमा करने की प्रणाली से तुर्किये की एक कंपनी एक अन्य फर्म के साथ साझा उपक्रम के तहत जुड़ी है। कहा जा रहा है कि इस कंपनी का सीधा संबंध तुर्किये की ही उस कंपनी से है जिसने पाकिस्तान को ड्रोन की आपूर्ति की थी।’’
उन्होंने बताया कि शहर की बीआरटीएस परियोजना से जुड़ी तुर्किये की कंपनी की जांच की जा रही है। महापौर ने कहा,‘‘अगर इस कंपनी का किसी भी तरह का जुड़ाव पाकिस्तान को ड्रोन बेचने वाली कंपनी से पाया जाता है, तो हम बीआरटीएस परियोजना का उसका ठेका रद्द कर देंगे।’’
उन्होंने कहा,‘’वैसे भी हम शहर से बीआरटीएस गलियारा हटा रहे हैं और अब हमें इस कंपनी की सेवाओं की कोई आवश्यकता नहीं है। भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू करने के बाद तुर्किये ने सार्वजनिक रूप से पाकिस्तान को समर्थन दिया था। इस बात को लेकर भारतीय नागरिकों में तुर्किये के खिलाफ खासी नाराजगी है।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इंदौर की आम सड़कों पर यातायात सुगम बनाने के लिए शहर का बीआरटीएस गलियारा हटाने की घोषणा पिछले साल नवंबर में की थी। अधिकारियों ने बताया कि इस घोषणा के बाद बीआरटीएस गलियारे का एक हिस्सा हटाया जा चुका है और गलियारे पर चलने वाली लोक परिवहन बसों को अब आम सड़कों पर चलाया जा रहा है।
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने बताया कि “एक विषय कल मेरे संज्ञान में आया है कि इंदौर के बीआरटीएस में फेयर कलेक्शन टिकटिंग का काम जो कंपनी कर रही है उसका नाम एसएस इलेक्ट्रॉनिक है और ऐसा कहा भी जा रहा है इसका सीधा संबंध उस कंपनी से भी है जिसने पाकिस्तान को ड्रोन सप्लाई किए थे।
मैंने यह कहा है कि यदि उसकी सिस्टर कंसर्न हो, किसी भी तरीके से कोई रिलेशन हो, कोई फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन हो, तो इस कंपनी की तुरंत जांच की जाये और जांच करवाने के बाद इनसे काम करवाने के किसी भी विषय को समाप्त किया जाये। दूसरा एक विषय और है कि थोड़ समय में बीआरटीएस हटाने की घोषणा तो हो ही चुकी है। हमको इनके काम की जरूरत भी नहीं है।”