Bhopal: भोपाल गैस त्रासदी के 41 साल हो गए, इस मौके पर मध्य प्रदेश के पीथमपुर में लोगों ने भारी चिंता जताई, उनकी चिंता भोपाल के यूनियन कार्बाइड कारखाने से निकले जहरीले कचरे को लेकर थी, जिसे उनके शहर में जलाया जा रहा है। उन्होंने सरकार से तत्काल जले हुए कचरे की 900 टन राख का निपटान करने की अपील की।
भोपाल के यूनियन कार्बाइड कारखाने से दो और तीन दिसंबर, 1984 की दरमियानी रात जहरीले मिथाइल आइसोसाइनेट गैस का रिसाव हुआ था। गैस से पांच हजार 400 से ज्यादा लोग मारे गए थे और हजारों अपंग हो गए थे। वो दुनिया की सबसे गंभीर औद्योगिक त्रासदियों में एक थी। इस मामले में हाल में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने दखल दिया है। कोर्ट ने राख के निपटान के लिए पीथमपुर के बजाय सुरक्षित विकल्प तलाशने को कहा है, इसके बाद सामाजिक कार्यकर्ता उच्च न्यायालय के निर्देश पर फौरन अमल करने की मांग कर रहे हैं।
कचरे का निपटान पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र के पास तारपुर गांव में किया जा रहा है, लोगों की शिकायत है कि जहरीले कचरे की वजह से वहां का पानी और हवा प्रदूषित हो गए हैं। जहरीला कचरा जलाने के बाद से लोग गंभीर बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। हालांकि राज्य के एक मंत्री ने भरोसा दिया है कि जहरीले कचरे का सुरक्षित निपटान किया जा रहा है, जब सरकार ने जहरीले कचरे को जलाने के लिए पीथमपुर को चुना, तो स्थानीय लोगों ने फैसले का भारी विरोध किया।
आठ अक्टूबर को हाई कोर्ट की जबलपुर बेंच ने पीथमपुर में कचरा जलाने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि इंसानी बस्ती के पास कचरे को जलाना स्वीकार नहीं किया जा सकता। साथ ही सरकार को वैकल्पिक जगह तलाशने का निर्देश दिया गया।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि “अभी गांव की स्थिति है, अभी जो बारिश हुई न, तो यहां साइड में दो-तीन कुएं हैं, नदी है साइड में, तो उस नदी में हमने मुआयना करा था, हमारी समिति ने तो वहां का जो पानी है वो हरा हो गया था पानी,और ये जो तारपुरा जो गांव है, यहां के काफी सारे लोग बीमार पड़ गए थे। किसी को सर्दी-खांसी हो रही थी तो किसी के घुटने दुख रहे थे, तो किसी को कैंसर हो रही थी, तो किसी के बाल गंजे हो रहे थे, मतलब बाल झड़ रहे थे, तो करीब एक-डेढ़ महीना तक चली ये बीमारी, अभी भी ये स्थिति है।”
“भारी विरोध के बावजूद प्रशासन ने वो कचरा जलाया है, जनता को उससे भी हानि हुई है और अब जो राख है, राख से वायु में प्रदूषण हो रहा है जिससे लोगों को सर्दी, जुकाम, बुखार ये परिस्थितियां बन रही हैं, आंखों में जलन हो रही है।”
मध्य प्रदेश सरकार मंत्री विजय शाह ने कहा कि “हम लोग भी कोई राजनीति करने यहां नहीं आए हैं और आरोप-प्रत्यारोप का अभी समय नहीं है। हमारी सरकार ने जरूर कोशिश करी कि जो जहरीले कचरे का भय लोगों के मन में न रहे और एक ऐतिहासिक कार्य जो कहीं रुका पड़ा था, इस सरकार ने उस कचरे को जहरीले कचरे को जलाकर, लोगों के मन में एक भय था, कुछ हद तक उसको दूर करने का प्रयास किया है।”