Bhopal: CM मोहन यादव ने 7,832 विद्यार्थियों को गिफ्ट की स्कूटी, बच्चों के खिले चेहरे

Bhopal: प्रदेश के 7832 मेधावी विद्यार्थियों को गुरुवार को स्कूटी गिफ्ट में दी गई, जिससे बच्चों के चेहरे खुशी से खिले। इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में स्कूटी वितरण कार्यक्रम में हिस्सा लिया और छात्रों के साथ पीछे बैठकर राइड का आनंद भी लिया।

योजनाओं का लाभ
सीएम ने सेनिटेशन-हाइजीन योजना के तहत 20 लाख से अधिक बच्चियों को 61.12 करोड़ रुपये और कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय योजना के तहत 20 हजार से अधिक बच्चियों को 7 करोड़ रुपये वितरित किए। 12वीं के टॉपर कोमल पाठक सहित अन्य विद्यार्थियों को स्कूटी की चाबी सौंपी गई।स्कूटी पाकर बच्चों के चेहरे खिल उठे और उन्होंने सीएम डॉ. मोहन यादव को धन्यवाद दिया। सीएम ने छात्रों को गाड़ी सावधानी से चलाने, लाइसेंस बनवाने और नंबर प्लेट लगवाने की सलाह दी।

युवाओं को प्रेरित किया
मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं को नौकरी मांगने वाले नहीं, बल्कि नौकरी देने वाले बनना चाहिए। 7832 विद्यार्थियों को स्कूटी देने का यह कदम उन्हें उनके लक्ष्यों तक तेजी से पहुंचने का माध्यम प्रदान करेगा।

भारत और मध्यप्रदेश की प्रगति
सीएम ने कहा कि वर्तमान में विश्व में भारत का समय चल रहा है। प्रधानमंत्री मोदी स्वदेशी और आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए संकल्पित हैं। अंतरिक्ष विज्ञान और नई तकनीक में भारत ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं, और प्रदेश सरकार युवाओं को उद्योग और रोजगार के अवसर प्रदान कर रही है।

प्रदेश में शिक्षा और विकास
सीएम ने बताया कि पिछले 15 साल में प्रदेश सरकार ने 1300 करोड़ से 5 लाख विद्यार्थियों को लैपटॉप दिए, लगभग 3000 करोड़ से 1 करोड़ से अधिक साइकिलें वितरित की और 250 करोड़ की राशि से 23 हजार से अधिक विद्यार्थियों को स्कूटी दी जा चुकी है।स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने छात्रों को सलाह दी कि वे अपना लर्निंग लाइसेंस बनवाएं और शिक्षकों एवं अभिभावकों के निर्देशों का पालन करें।

खेल-सहकारिता मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने कहा कि मध्यप्रदेश में डबल इंजन की सरकार विकास के नए आयाम गढ़ रही है। शिक्षा, तकनीकी शिक्षा और मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में राज्य सरकार लगातार कार्य कर रही है। इस कार्यक्रम से विद्यार्थियों को न केवल स्कूटी का तोहफा मिला, बल्कि उनके आत्मविश्वास और प्रेरणा में भी वृद्धि हुई। यह पहल प्रदेश में मेधावी छात्रों को प्रोत्साहित करने और उन्हें उनकी मंजिल तक पहुंचाने का उदाहरण है।

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