Bhopal: बीजेपी नेता उमा भारती ने कहा कि राजनेता, डॉक्टर, वकील, कवि और पत्रकार कभी भी सार्वजनिक सेवा से सेवानिवृत्त नहीं होते और जब तक उन्हें सेवा करने के लिए कहा जाता है, तब तक वे सेवा करते रहते हैं।
हालांकि, मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि वे आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के हालिया बयान पर टिप्पणी नहीं कर पाएंगी, जिसमें उन्होंने 75 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त होने की जरूरत के संबंध में संघ विचारक दिवंगत मोरोपंत पिंगले को उद्धृत किया था।
उमा भारती ने भागवत की टिप्पणी के बारे में पूछे गए सवाल पर कहा, ‘‘मैं सरसंघचालक (मोहन भागवत) के बयान पर टिप्पणी नहीं कर सकती। सबसे पहले, मैं उनके पारंपरिक संगठन की सदस्य नहीं हूं, लेकिन मैं उस विचारधारा की अनुयायी हूं। मैं उनके बयान पर टिप्पणी नहीं कर सकती। लेकिन मेरा मानना है कि शिक्षक, वकील, डॉक्टर, कलाकार, कवि और पत्रकार कभी सेवानिवृत्त नहीं होते। उन्हें तब तक सार्वजनिक सेवा करनी है जब तक इसकी आवश्यकता है।’’
बीजेपी नेता उमा भारती ने कहा कि मैं उनकी बात पर टिप्पणी नहीं कर सकती हूं, लेकिन मेरा ऐसा मानना है कि नेता, शिक्षक, वकील, डॉक्टर और भी कोई हो सकते हैं आर्टिस्ट कलाकार जो लिखते हैं और कवि ये कभी रिटायर नहीं हो सकते हैं।
इनको जनसेवा करनी ही है जब जरूरत पड़ेगी। गुरु को ज्ञान देना ही है, डॉक्टर को नब्ज पकड़नी ही है, नेता को अगर अर्थी पर भी कोई गुहार लगाए तो जिंदा उटकर आना है। लेकिन माननीय सरसंघचालक जी ने जो कहा उसपर मैं बिल्कुल भी टिप्पणी नहीं कर सकती हूं।”